शिक्षा मित्र केस - 03 मई को सुप्रीम कोर्ट में चली बहस का आंखों देखा हाल

मित्रो नमस्कार, जो साथी कोर्ट की सुनवाई को देखकर अचंभित हो रहे है वे ये उम्मीद कर रहे थे कि एक दिन में ही निर्णय आ जायेगा जोकि कभी सम्भव नही था कोर्ट पहले वादी को सुनती है उसके बाद प्रतिवादी को सुनती
है फिर किसका अहित हो रहा है किसकी वजह से इस पर विचार करके निर्णय देती है मित्रो किसी भी केस का निपटारा बिना पक्ष और विपक्ष दोनों को सुने नही हो सकता अर्थात दो दिन तक कोर्ट ने एस एम को सुना और आज वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठ मलानी जी की वरिष्ठता का लिहाज करते हुए कोर्ट ने उनको डेढ़ घण्टे तक जबरदस्ती झेला उनकी गोल गोल बाते खत्म होते ही शांति भूषण जी ने राग अलापना शुरू कर दिया एक पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम प्रधान द्वारा नियुक्त कार्य सेवको को उनकी 15 साल की सेवा के बदले न हटाने की बात कर रहा था तो दूसरा शिक्षा मित्रो के हटाये जाने के बाद उनकी आत्म हत्या किये जाने की अख़बार कटिंग दिखा रहा था
सब मिलाकर कोर्ट को इमोसनल करके उन्हें बचाने के सारे तिकड़म जो भी इस्तेमाल किये जा सकते थे वे किये गए इस पर न्यायधीश यू यू ललित जी व् कोर्ट उनकी बात से बिलकुल भी सहमत नही दिखी अंततः अगली डेट 5 मई , 8 मई व् 9 मई को लगा दी वो भी लंच के बाद 2 से 4 के बीच मे मित्रो पटकथा लिखी जा चुकी है अब शेष कार्यो की अवशेष औपचारिकता बाकी है साथियो विचारणीय बिंदु है जो काम 16 घण्टे में अर्थात दो दिन निरन्तर सुनवाई में सोच समझकर नही हो पाया वो अगली तीन दिन की सुनवाई में 5 घण्टे में हो जायेगा चिंतन का विषय है निष्कर्षतः हम कह सकते है लगभग समस्त निर्णय हो चुके है दिन और मुहूर्त देखकर घोषणा करना बाकी है खेत खाली होंगे तो गुणवत्ता परक फसल अवश्य बोई जायेगी इसी उम्मीद में धन्यवाद जय महाकाल
आपका अनुज
कमल कान्त कानपुर
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