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सोशल मीडिया से सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई का सार : आपका दुर्गेश प्रताप सिंह

सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई का सार : सोशल मीडिया से : Ashish Sankrityayan Shukla >>
आज की सुनवाई का सार:-
आज सुबह अपना केस लगते ही वरिष्ठतम अधिवक्ता श्री राम जेठमलानी जी ने, कल की सुनवाई के आधार पर न्यूज़ पेपर में शिक्षामित्र समायोजन पर खतरे वाली न्यूज़ पढ़कर खुदकुशी करने वाले चार शिक्षामित्रों की बात बताकर कोर्ट को मर्सी के आधार पर माउल्ड करने की कोशिश की, जिसपर कोर्ट थोडा गंभीर दिखी! इसके बाद जेठमलानी जी ने शिक्षामित्रों को पैरा-टीचर बताते हुए तर्क रखने आरम्भ किये, करीब लंच तक जेठमलानी जी ही बोलते रहे!
इसके बाद वरिष्ठतम अधिवक्ता श्री शान्ति भूषण जी ने भी शिक्षामित्रों को पैरा-टीचर ही बताते हुए अपना आर्गुमेंट रखना शुरू किया!
आज करीब 4 घंटे के दौरान कोर्ट ने वादी पक्ष के इन्ही दोनों वकीलों को बोलने का मौका दिया! प्रतिवादी पक्ष कि तरफ से आनन्द नंदन जी ने जब बीच में खड़े होकर बोलना आरम्भ किया तो ललित जी ने कहा कि आपको भी सुनेंगे लेकिन पहले वादी पक्ष को खत्म होने दीजिये! फ़िलहाल आज दोनों न्यायाधीश महोदय ने कल की तरह अपना ओपिनियन स्पष्ट नहीं किया! सिर्फ सुनते रहे!
आज जेठमलानी जी व् शान्ति भूषण जी द्वारा रखे गये तर्कों से शिक्षामित्र साइड की स्ट्रेटजी स्पष्ट हो गयी हैं!
'स्टेट ऑफ़ कर्नाटका बनाम उमा देवी' आदेश के अनुसार,
"Illegal appointment can not be legalized, but irregular appointment can be regularized."
हाईकोर्ट द्वारा दिए गये ऑब्जरवेशन और तथ्यों के आधार पर शिक्षामित्रों का आरम्भिक एंगेजमेंट illegal था जो कभी भी legalized नहीं किया जा सकता लेकिन आज जेठमलानी जी और शांति भूषण जी की स्ट्रेटजी शिक्षामित्रों के आरम्भिक इंगेजमेंट को irregular दिखाने की थी, जिससे सहायक अध्यापक पड़ पर किया गया समायोजन तो नहीं परन्तु कम से कम उनके शिक्षक पद पर नियुक्ति को "उमा देवी" के आर्डर से प्रोटेक्ट करा सके, और उनके निकट भविष्य में नियुक्ति का मार्ग आसान कर सकें!
फिलहाल वादी पक्ष को ही अभी मौका मिला हैं, शुक्रवार को शान्ति भूषण जी और वेंकटरमणी जी को मौका मिलने के बाद प्रतिवादी पक्ष को मौका मिलेगा! हमारी तैयारी हर प्रकार से हैं और विरोधी के हर प्रकार की स्ट्रेटजी विफल करने के लिए हम पूर्णतयः तैयार हैं, इसी स्ट्रेटजी से न सिर्फ शिक्षामित्रों के समायोजन का अंत होगा बल्कि बीएड टेट याचियों के नियुक्ति का मार्ग भी प्रसस्त होगा!
अपने साथियों से अनुरोध हैं कि धैर्य रखिये, इस कोर्ट में दीपक मिश्रा जी की कोर्ट की तरह पंचायत नहीं लगती बल्कि वादी-प्रतिवादी पक्ष को बारी-बारी से सुनकर ही फैसला आएगा! बीएड टेट साथियों (याचियों) का कल्याण सिर्फ और सिर्फ शिक्षामित्रों के ऊपर प्रभावशाली प्रहार से ही होगा! ओपन मेरिट कम्पटीशन सिर्फ कल कोर्ट का ओपिनियन था, जब सम्पूर्ण मामला कोर्ट को नहीं पता था, अब जैसे जैसे केस को अच्छे से सुना जायेगा, हमारा हित उतना ही प्रभावी होता जायेगा, इसलिए सुनवाई के दौरान छोटे-मोटे कमेंट और ओपिनियन को इतना तूल देने की आवश्यकता नहीं हैं ! ध्यान रहे, आपका नियोक्ता सरकार भी शिक्षामित्रों के साथ खड़ा हैं और आप कोर्ट में अपने हितों और अधिकारों के उल्लंघन को दिखाकर न्याय प्राप्त करने आये हैं और परिस्थितियां भी प्रतिकूल हो तो हर-प्रकार के दाँव-पेंच के साथ इस न्यायायिक समर भूमि में लड़ने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें! अपना धैर्य खोकर, अफवाहों के चक्कर में न पड़ें! अंत में वादा करता हूँ,
"हम विजयी थे, विजयी हैं और अंततः हम ही विजय का वरण करेंगे!"
धन्यवाद्
_____आपका दुर्गेश प्रताप सिंह
नोट- व्यस्तत बहुत अधिक हैं, कृपया कॉल न करें, पोस्ट आने तक प्रतीक्षा किया करें!
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