ध्यान से पढ़ लो - शिक्षामित्रों के विरूद्ध बीटीसी के नेता अशरद अली की पोस्ट
1- IA /रिट नंबर नोट याची राहत मिलने के संकेत
सुप्रीम कोर्ट में बहस के लिए अधिवक्ताओं को कम समय मिल रहा है। बहस के पूर्व या बाद में जज साहब आर्गुमेंट नोट करने के बाद ये पूछते हैं की अपने किस याचिका पे बहस की ? वकील द्वारा अपना IA/याचिका नंबर नोट करा दिया जाता है इसका मतलब याची लाभ नही है ।
वर्गीकरण याचिका राम कुमार पटेल , राहुल पाण्डेय व् अन्य याचीगणो द्वारा 72825 भर्ती में 50 प्रतिशत महिला पुरुष आरक्षण के सम्बन्ध में डाली गयी थी। वादियो द्वारा यह लिखा गया की याचिका एक्सेप्ट हो गयी है इसका मतलब यह हुआ की याचिका /IA की प्रेयर की मांग को पूरा करते हुए 72825 में बदलाव किया जायेगा। यहाँ भी कोर्ट ने याची राहत जैसी कोई बात नही कही ।
3- शिक्षा मित्रों के खिलाफ बी एड ने अपना लोकस साबित किया
श्री शांति भूषण ने बी एड के खिलाफ दो बिंदु रखे पहला 72825 की परमिशन से सम्बंधित था दूसरा अति महत्वपूर्ण था। भूषण ने कहा की 10 सितम्बर 2012 के नोटिफिकेशन के बाद बी एड की एंट्री 31 मार्च 2014 तक ही प्राइमरी में हो सकती थी ।
शिक्षा मित्र समायोजन 19 जून 2014 को शुरू हुआ । जब इस तिथि में बी एड प्राइमरी हेतु योग्य ही नही था तो इनका शिक्षा मित्रों के खिलाफ कोई लोकस ही नही बनता । शांति भूषण की इस बात का जवाब न ललित सर के पास था और न ही आज तक बी एड के धुरंधर अधिवक्ता कोर्ट में दे पाएं है ।
4- डेढ़ लाख पद खाली है।
वास्तव में डेढ़ लाख पद नही खाली है। बच्चों के स्कूल से ड्रॉपआउट करने के बाद रिक्त पदों की संख्या कम हुई है। न्यूपा रिपोर्ट , सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा दाखिल स्टेटस रिपोर्ट, हाई कोर्ट 91 पेज जजमेंट के पेज 45 के अनुसार कुल पद लगभग सवा चार लाख है जिसमे 72825 , 1.38 लाख , 70000 एकेडमिक भर्तियाँ हुई है । शेष पद प्रधान अध्यापक और पहले से चयनित अध्यापकों के हैं । सुप्रीम कोर्ट ने रिक्त पदों का तर्क काटते हुए साफ़ कहा की प्रैक्टिकल अस्पेक्ट नही लीगल अस्पेक्टस पे बहस कीजिये जो शिक्षा मित्रों की तरह से कुछ खास बहस अभी तक नही हो पायी है ।
नोट:- बीटीसी के लोग अफवाहों पे ध्यान न दें । ये सच है की केंद्र और राज्य मिल कर बीटीसी का विरोध कर रहे हैं शिक्षा मित्रों के नेता सच बोलने वाले अधिकारीयों और वकीलों को सरकार से कह कर पैनल से हटवा दे रहे हैं ।
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1- IA /रिट नंबर नोट याची राहत मिलने के संकेत
सुप्रीम कोर्ट में बहस के लिए अधिवक्ताओं को कम समय मिल रहा है। बहस के पूर्व या बाद में जज साहब आर्गुमेंट नोट करने के बाद ये पूछते हैं की अपने किस याचिका पे बहस की ? वकील द्वारा अपना IA/याचिका नंबर नोट करा दिया जाता है इसका मतलब याची लाभ नही है ।
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वर्गीकरण याचिका राम कुमार पटेल , राहुल पाण्डेय व् अन्य याचीगणो द्वारा 72825 भर्ती में 50 प्रतिशत महिला पुरुष आरक्षण के सम्बन्ध में डाली गयी थी। वादियो द्वारा यह लिखा गया की याचिका एक्सेप्ट हो गयी है इसका मतलब यह हुआ की याचिका /IA की प्रेयर की मांग को पूरा करते हुए 72825 में बदलाव किया जायेगा। यहाँ भी कोर्ट ने याची राहत जैसी कोई बात नही कही ।
3- शिक्षा मित्रों के खिलाफ बी एड ने अपना लोकस साबित किया
श्री शांति भूषण ने बी एड के खिलाफ दो बिंदु रखे पहला 72825 की परमिशन से सम्बंधित था दूसरा अति महत्वपूर्ण था। भूषण ने कहा की 10 सितम्बर 2012 के नोटिफिकेशन के बाद बी एड की एंट्री 31 मार्च 2014 तक ही प्राइमरी में हो सकती थी ।
शिक्षा मित्र समायोजन 19 जून 2014 को शुरू हुआ । जब इस तिथि में बी एड प्राइमरी हेतु योग्य ही नही था तो इनका शिक्षा मित्रों के खिलाफ कोई लोकस ही नही बनता । शांति भूषण की इस बात का जवाब न ललित सर के पास था और न ही आज तक बी एड के धुरंधर अधिवक्ता कोर्ट में दे पाएं है ।
4- डेढ़ लाख पद खाली है।
वास्तव में डेढ़ लाख पद नही खाली है। बच्चों के स्कूल से ड्रॉपआउट करने के बाद रिक्त पदों की संख्या कम हुई है। न्यूपा रिपोर्ट , सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा दाखिल स्टेटस रिपोर्ट, हाई कोर्ट 91 पेज जजमेंट के पेज 45 के अनुसार कुल पद लगभग सवा चार लाख है जिसमे 72825 , 1.38 लाख , 70000 एकेडमिक भर्तियाँ हुई है । शेष पद प्रधान अध्यापक और पहले से चयनित अध्यापकों के हैं । सुप्रीम कोर्ट ने रिक्त पदों का तर्क काटते हुए साफ़ कहा की प्रैक्टिकल अस्पेक्ट नही लीगल अस्पेक्टस पे बहस कीजिये जो शिक्षा मित्रों की तरह से कुछ खास बहस अभी तक नही हो पायी है ।
नोट:- बीटीसी के लोग अफवाहों पे ध्यान न दें । ये सच है की केंद्र और राज्य मिल कर बीटीसी का विरोध कर रहे हैं शिक्षा मित्रों के नेता सच बोलने वाले अधिकारीयों और वकीलों को सरकार से कह कर पैनल से हटवा दे रहे हैं ।
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