एक आहत शिक्षामित्र का संगठन के नेताओं गाजी, शाही जी एवं अनिल यादव को सुझाव

आदरणीय गाजी व शाही जी एवं अनिल यादव जी आप लोगों से निवेदन है कि परिस्थितियाँ बिपरीत हैं उ प्र और केन्द्र मे पूर्ण बहुमत की हठी सरकार है
आप लोगों ने पूरी क्षमता के साथ सफल आन्दोलन किया सभी शिक्षा मित्र साथियों ने आन्दोलनो को सफल बनाने के लिए कोई कसर नही छोड़ी परन्तु परिणाम शून्य रहा उल्टे जो मिल रहा था वह भी धीरे हाथ से निकल रहा है।मसलन भारांक जो एकेडमिक मेरिट मे जुड़कर  टेट के उपरांत शिक्षक बनने की गारंटी था जो अब यदि नयी नियमावली संशोधन कर 75% परीक्षा   25%एकेडमिक मेरिट (जिसमे भारांक भी जुड़ेगा) बनेगी।जिससे भारांक का कोई मतलब नही है यदि बनारस गये तो निश्चित मानिए हमारी जगह रिटायर अध्यापक पढ़ाने के लिए इन्तजार कर रहे है।
सच्चाई स्वीकार करके कोर्ट कचेहरी जो लड़ना है लड़ते रहिए वहाँ से बहुत ज्यादा उम्मीद नही है ।
मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय लीजिए और ऐसी मांग रखिए जो आसानी से मानी जा सके जैसे
1=टेट परीक्षा मानते है परन्तु 62वर्ष तक जब भी टेट उत्तीर्ण हो तो आगे आने वाली शिक्षक भर्ती मे दो मौके  भारांक सहित दिए जाये।
2=वर्तमान मे आप जो मानदेय दे रहे है उससे असहमत है  परन्तु कार्य करेंगे  मानदेय 20000 से 30000 के मध्य 5% वार्षिक बढोत्तरी के साथ अनवरत दिया जाय।
आदि मागे रख सकते है इसके अतिरिक्त कुछ हासिल नही होगा अन्यथा हम लोग आपकी हठधर्मिता के कारण इतिहास बनके रह जायेगे।हम 17 वर्ष से सेवा दे रहे है आगे भी देते रहेंगे जो साथी टेट उत्तीर्ण नही कर पायेगे वे कम से कम अगली सरकार आयेगी तो वह शिक्षक बन जायेगे।
कूटनीति यही कहती है कि इस सरकार से कैसे भी हो बिना लड़े ही काम चलाओ नही तो आपकी सही बात को भी लोग बेतुकी मानकर आपको जीवन भर माफ नही करेंगे ।अभी भी मंगलवार तक समय है नही तो मंगलवार की कैबिनेट मे नई परीक्षा और रिटायर्ड शिक्षक थोप दिए जायेगे।हम लोग हाथ मिलते रह जायेगे सच्चाई लिख दिया है शेष आप सभी पर धन्यवाद ।
आपका
शिवनारायण वर्मा
बाराबंकी
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