ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ प्रदेश के अराजपत्रित कर्मचारियों को दिवाली के पहले बोनस देने का प्रस्ताव वित्त विभाग ने तैयार कर लिया है।
अब इसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा
जाएगा। कर्मचारियों को एक महीने के लिए अधिकतम 7,000 रुपये बोनस देने का
प्रस्ताव है। बोनस महीने के 30 दिनों के लिए मिलता है। ऐसे में कर्मचारियों
के हिस्से में करीब 6908 रुपये ही आने की संभावना है।
प्रदेश के करीब 10 लाख कर्मचारियों को दिवाली के पहले बोनस का
इंतजार है। वित्त विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अब इसे
प्रमुख सचिव वित्त के स्तर से वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के माध्यम से
मुख्यमंत्री को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
जानकार बताते हैं कि कर्मचारियों के बोनस की 25 फीसदी रकम नकद
जबकि 75 फीसदी जीपीएफ में भेजने का प्रस्ताव है। ऐसे में कर्मचारियों को
नकद बोनस करीब 1727 रुपये ही मिलने की संभावना है।
बाकी 5181 रुपये जीपीएफ में जमा हो जाएंगे। कर्मचारियों के
बोनस भुगतान से राज्य सरकार पर करीब 970 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार
आने का अनुमान है।
विभाग ने दिवाली से पहले सभी पूर्णकालिक अराजपत्रित राज्य
कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्यप्रभारित कर्मचारियों, राज्य निधि से
सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के कर्मियों व स्थानीय
निकायों तथा जिला पंचायतों के कर्मियों को नियमानुसार बोनस देने का
प्रस्ताव किया है।
यह बोनस वर्ष 2016-17 के लिए मिलेगा। बोनस उन्हीं कर्मियों को
मिल सकेगा, जिन्होंने बीते 31 मार्च को एक साल की सफलतापूर्वक सेवा पूरी
कर ली है।
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