प्रशिक्षण जनपद से ही आवेदन का नियम 14(1)(a) अटल नहीं, ये जाएगा हाई कोर्ट से भी और सुप्रीम कोर्ट से भी (Part 3/5) - AG

प्रशिक्षण जनपद से ही आवेदन का नियम 14(1)(a) अटल नहीं, ये जाएगा हाई कोर्ट से भी और सुप्रीम कोर्ट से भी (Part 3/5) - AG*

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19) *जिला वरीयता आर्टिकल 15(1) और 16(2) का उल्लंघन करती है। Govind A. Mane and Ors. v. State of Maharashtra and Ors., 2000 (2) AWC 2.18 (SC) (NOC) में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि district-wise distribution of seats in the absence of nexus between such distribution and the objects sought to be achieved would be violative of Article 14 of the Constitution of India.*
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■ संविधान के अनुच्छेद 16 (2) के अनुसार no citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, descent, place of birth, residence or any of them, be ineligible for, or discriminated against in respect of, any employment or office under the State. Therefore, there can be no discrimination against a citizen on ground of his place of birth or residence.
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■ *क्या कहता है आर्टिकल 16(3)?*
*Nothing in this article shall prevent Parliament from making any law prescribing, in regard to a class or classes of employment or appointment to an office under the Government of, or any local or other authority within, a State or Union territory, any requirement as to residence within that State or Union territory prior to such employment or appointment.*
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मतलब 16(3) में बस संसद को यह अधिकार है राज्य सरकार को नहीं और संसद को भी एक सीमा में यह अधिकार है लेकिन इस भर्ती में राज्य सरकार ने वो किया जिसका अधिकार उसको नही था।
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*Even Parliament does not have power under the Constitution of India to prescribe a residence of a village, Tahseel of a District in the given situation.*
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■ संसद और राज्य सरकार के अधिकार को लेकर यह आदेश नरसिम्हा राव बनाम आंध्रप्रदेश सरकार में भी पारित हो चुका है।
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■ *उड़ीसा ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट ने भी सुधीर कुमार बिस्वाल के केस में इस तरह की जिला बाध्यता को रद्द किया है।*
*the rule framed by the State Government asking applications for public employment from on the residence of that district is in violation of Article 16(2) of the Constitution of India.*
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20) बीएड बेरोजगार संघ सोनभद्र v. State of UP 1997 (Suppl.) AWC 45 : 1997 (3) UPLBEC 1774 में भी कोर्ट ने कहा है कि *there is no justification for consideration of district-wise in respect of appointments of teachers in Junior Basic Schools in the State.*
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21) उत्तरप्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का नियम 4 प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र के लिए सेवा के अलग कैडर प्रदान करता है। नियम 5 के तहत सहायक शिक्षकों की भर्ती केवल उस स्थानीय क्षेत्र के निवास तक ही सीमित नहीं है दरअसल, नियमावली के नियम 7 के तहत, भारत का कोई भी नागरिक इन पदों के लिए उम्मीदवार हो सकता है यदि वो न्यूनतम शैक्षणिक अहर्ता रखता हो।
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22) *AG ने जिस केस English Medium Students Parents Association का रिफरेन्स लिया उस केस में कोर्ट ने कन्नड़ भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने को सही ठहराया था। और कहा था कि राज्य बेहतर जानती है कि उसे अपनी स्थानीय भाषा को कैसे संरक्षित रखना है और इस पालिसी में हम interfere नहीं करेंगे, वो केस जिला वरीयता के बचाव के लिए उचित ही नहीं बैठता। क्योंकि किसी भाषा को सिलेबस में नहीं डाला जा रहा था। पूरे प्रदेश में एक ही सिलेबस है, एक ही माध्यम, एक ही किताबे हैं, एक ही मातृभाषा है। इसी तरह अरुण तिवारी के केस का रेफेरेंस भी निराधार था।*
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~AG

*(To be continued....)*