68500 शिक्षक भर्ती: लिखित परीक्षा हाईकोर्ट के फैसले के अधीन, हाईकोर्ट में लंबित 2 फैसलों से पड़ सकता है बड़ा असर

इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा का भले ही एलान हो गया है लेकिन, हाईकोर्ट में लंबित दो प्रकरणों का फैसला होने का असर फिर इस भर्ती पर पड़ना तय माना जा रहा है। लंबित भर्ती परीक्षा अभी कोर्ट के प्रकरणों से उबर नहीं सकी है। लिखित परीक्षा तारीख के करीब कोर्ट का फैसला आने पर परीक्षा की नई तारीख तय होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की लिखित परीक्षा अब 27 मई को कराने का कार्यक्रम जारी हो चुका है। इसके पहले यह भर्ती टीईटी 2017 के परिणाम को लेकर रुकी थी। जिन अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट की डबल बेंच से राहत नहीं मिली है, वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है, हालांकि अभी याचिका दाखिल नहीं हो सकी है। इसी बीच परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने भर्ती की लिखित परीक्षा का विज्ञापन जारी करने के बाद आदेश में आंशिक बदलाव किया है। इसमें कहा गया है कि समय सारिणी में संशोधन किया गया है, क्योंकि हाईकोर्ट में इस भर्ती को लेकर दो याचिकाएं पहले से लंबित हैं। इसमें एक लिखित परीक्षा में उर्दू को शामिल न करने के विरोध में है, याची का कहना है कि जब शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टीईटी में उर्दू विषय का इम्तिहान होता है तो लिखित परीक्षा में उसे शामिल क्यों नहीं किया गया है, इससे तमाम अभ्यर्थियों का नुकसान होगा। इस मामले में कोर्ट सरकार से जवाब तलब कर चुकी है। वहीं, दूसरी याचिका में भर्ती की नियमावली को ही चुनौती दी गई है। याची का दावा है कि शासन शिक्षक भर्ती की नियमावली में बदलाव नहीं कर सकती यह कार्य राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद यानि एनसीटीई का है। ज्ञात हो कि पहले शिक्षक भर्ती शैक्षिक मेरिट के अंकों पर होती रही है, अब प्रदेश सरकार ने इसमें लिखित परीक्षा का प्रावधान किया है। इन दोनों प्रकरणों की सुनवाई अभी चल रही है। ऐसे में भर्ती को कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन घोषित किया गया है।