प्रशिक्षण जनपद से ही आवेदन का नियम 14(1)(a) अटल नहीं, ये जाएगा हाई कोर्ट से भी और सुप्रीम कोर्ट से भी (Part 4/5) - AG

*प्रशिक्षण जनपद से ही आवेदन का नियम 14(1)(a) अटल नहीं, ये जाएगा हाई कोर्ट से भी और सुप्रीम कोर्ट से भी (Part 4/5) - AG*

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● पार्ट 1 यहां पढ़ें - https://goo.gl/WFVwGT
● पार्ट 2 यहां पढ़ें - https://goo.gl/ZuhESx
● पार्ट 3 यहां पढ़ें.- https://goo.gl/vCdvFa
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23) Kailash Chand Sharma v. State of Rajasthan and Ors., JT 2002 (5) SC 591 में भी सुप्रीम कोर्ट जिला वरीयता के विरुद्ध निर्णय दे चुकी है।
We would like to reiterate that residence by itself-be it be within a State, region, district or less area within a district cannot be a ground to accord preferential treatment or reservation, say as provided in Article 16(3). It is not possible to compartmentalize the State into district with a view to offer employment to the residents of that district on a preferential basis.
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*24) यहां तक कि S.L.P. (C) No. 10780 of 2001 में आज के नामी वकील राजीव धवन ने भी लोकल डायलेक्ट का सहारा लेकर जिला वरीयता का बचाव करना चाहा था। उन्होंने यह निवेदन किया कि स्थानीय उम्मीदवार स्थानीय वातावरण में बेहतर रूप से आत्मसात हो सकते हैं और प्राथमिक स्तर के छात्रों के साथ बातचीत करने के लिए भी वे बेहतर स्थिति में होंगे। इस तथ्य पर उन्होंने बल दिया कि भाषा / मातृभाषा एक समान है, हालांकि अलग अलग जिलों और यहां तक कि उसी जिले में भी बोली अलग अलग होजाती है।*
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25) दरअसल जो ये डायलेक्ट थ्योरी बार बार रख देते हैं इसका कोई factual बेसिस भी तो होना चाहिये। क्या राज्य के पास कोई डेटा है? क्या कभी सर्वे कराया गया है या कोई अध्ययन किया गया है कि किस जिले में कौनसी बोली है?
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*26) Harshendra Choubissa and Ors. v. State of Rajasthan and Ors., 2002 (4) AWC 3286(SC) के केस में सुप्रीम कोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि किसी राज्य के जिले का व्यक्ति क्या उसी राज्य के अन्य जिले के लिए एलियन है? हाहाहा। केवल बोली के नाम पर आप यह कह दें कि वो वहां के बच्चों और लोगों से कम्यूनिकेट नहीं कर पायेगा क्या इसके लिए आपने कोई स्टडी की है, क्या आपके पास कोई डेटा है?*
*There is no factual nor rational basis to treat each district as a separate unit for the purpose of offering public employment. The criteria of merit cannot be allowed to be diluted by taking resort to such artificial differentiation and irrelevant assumptions.*
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27) अब बात करते हैं जिला वरीयता समर्थकों के अगले तर्क की। संविधान का अनुच्छेद 350A कहता है कि It shall be the endeavour of every State and of every local authority within the State to provide adequate facilities for instruction in the mother tongue at the primary stage of education to children belonging to linguistic minority groups and the President may issue such directions to any State as he considers necessary or proper for securing the provision of such facilities.
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*28) यहां पर लिंगविस्टिक माइनॉरिटी ग्रुप्स की बात की गई है जबकि ऐसे ग्रुप्स अब है ही नहीं, सबकी मातृभाषा हिंदी है। माइनॉरिटी ग्रुप्स में मुस्लिम्स के लिए उर्दू हो सकता था, ईसाइयों के लिए अंग्रेजी और सिखों के लिए गुरुमुखी, हैं क्या अब प्रदेश में ऐसे आइसोलेटेड ग्रुप्स जो केवल अपनी भाषा जानते हों दूसरी नहीं?*
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~AG
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*(To be continued....)*