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68500 शिक्षक परीक्षा दिए बिना ही पास, सहायक अध्यापक भर्ती-2018 में दो गैरहाजिर अभ्यर्थी रिजल्ट में सफल घोषित

इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा गड़बड़ियों का पर्याय बनती जा रही है। जहां एक दिन पहले कम अंक पाकर भी पास होने का मामला उजागर हुआ था, वहीं अब दो अभ्यर्थियों के बिना परीक्षा दिए ही पास होने का मामला प्रकाश में आया है। हाईकोर्ट में पहले से दाखिल याचिका में इन मामलों को भी शामिल किया जाएगा।
मथुरा निवासी मोहम्मद साहून पुत्र समशुद्दीन अनुक्रमांक 01041004566 परीक्षा में शामिल नहीं हुआ था। उसे 86 अंक हासिल हो गए। अमेठी की मीना देवी पुत्री मेवालाल अनुक्रमांक 59710200660 भी परीक्षा में शामिल नहीं हुई लेकिन, उसे 75 अंक हासिल हुए। खास बात यह है कि दोनों सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी हैं और उपस्थिति पंजिका में अनुपस्थित हैं। कहा जा रहा है कि ऐसे मामले और भी सामने आ सकते हैं। वहीं, कार्यालय की ओर से कहा जा रहा है कि आगरा की एक छात्र ने प्रत्यावेदन दिया था कि उसने गलती से दूसरे अभ्यर्थी के सामने हस्ताक्षर बना दिए थे, जिससे छात्र खुद अनुपस्थित हो गई और वह अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुआ है। मामले को अधिकारियों को पहले ही संदर्भित किया जा चुका है। संबंधित खबर 121शिकायतों की जांच के लिए शासन ने गठित की समिति1प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूलों में 68500 शिक्षकों की नियुक्ति में लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए इनकी जांच के लिए समिति गठित की है। अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि समिति शिकायतों के निस्तारण के साथ ही भविष्य में इस तरह की कोई गड़बड़ी न होने पाए, इसके लिए सुझाव भी सरकार को देगी। समिति का अध्यक्ष बेसिक शिक्षा सचिव मनीषा त्रिघाटिया को बनाया गया है। सदस्यों में राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद के निदेशक संजय सिन्हा, निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह व सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुक्ता सिंह शामिल हैं।
रिजल्ट में 41, लेकिन कॉपी पर मिले 94 अंक
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से बुधवार को एक और स्कैन उत्तर पुस्तिका अभ्यर्थी को सौंपते ही हंगामा मच गया। हाथरस के यतीश सेंगर को 41 अंक मिले थे। उसने नियमानुसार स्कैन कॉपी ली। इसमें यतीश को 94 अंक मिले हैं।
अधिकांश जिलों में नहीं बांटा जा सका नियुक्ति पत्र
शिक्षक दिवस के मौके पर हजारों युवाओं को शिक्षक बनाने की प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फिर गया है। अधिकांश जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने बुधवार को नियुक्ति पत्र का वितरण नहीं किया है।

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