शिक्षामित्रों का भविष्य अंधकारमय या उज्जवल में: हाई पावर कमेटी का बिना फैसला आये, कोमा में चला जाना चिंता का विषय

जैसा कि डिप्टी सीएम डा.  दिनेश शर्मा जी की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी का बिना फैसला आये, कोमा में चला जाना चिंता का विषय बना हुआ है, ये कमेटी कब तक सक्रिय होगी, योगी बाबा जी ही बता सकते हैं, जो
शिक्षामित्र लगभग 34,411/-लिखित परीक्षा दिये, उसमें से लगभग 7000/- शिक्षक बनने में सफल हो चुके हैं, वह अब अपने अभिलेख का सत्यापन कराने के लिए भाग दौड़ प्रारम्भ कर दिये हैं, जिससे ससमय वेतनभोगी हो जाए, अवशेष कोर्ट कचेहरी में याची बनने की होड़ में लगे हुए हैं, जो अभी तक टेट पास नहीं कर पाये हैं, वह कोचिंग में जा करके पढ़ रहे हैं और दिन रात तैयारी हेतु एक कर दिये हैं, और जो टेट पास है, वह भी अभी से ही अगली लिखित परीक्षा की तैयारी प्रारम्भ कर दिये हैं, गाजी मियां जी दिल्ली में संविधान पीठ की तैयारी में व्यस्त हैं, शाही जी कोमा में चली गई हाई पावर कमेटी को पुनः जिंदा करने व सक्रिय कराने में उसके आगे सेवा में लगे हुए हैं.

बहरहाल वर्तमान परिस्थिति में यूपी के पीड़ित शिक्षामित्रों का भविष्य अभी तक अंधेरे में है, योगी सरकार की स्पष्ट मंशा न होने के कारण सभी शिक्षामित्र बुरी तरह से टूट चुका है, वश हर रोज, एक नयी अच्छी खबर सुनने की उम्मीद पर किसी भी तरह से जीवित रहने की कोशिश में संघर्ष कर रहा है, अब तो न मुख्यमंत्री जी के बातों पर विश्वास रह गया है और न ही कोर्ट कचेहरी के फैसले पर, अब केवल आने वाला समय ही बता सकता है कि आगे चलकर के यूपी के पीड़ित शिक्षामित्रों का भविष्य उज्जवल होगा या अंधकार में ही सदैव के लिए वह विलुप्त हो जाएगा.