उच्च शिक्षा निदेशालय को भारी पड़ेगा आरटीआइ का उल्लंघन: साल में भी नहीं दे सके जवाब, नवंबर तक राज्य सूचना आयोग ने दी मोहलत

इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग यानि के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव की डिग्री व नियुक्ति के मामले में सूचना देने में अब कोताही बरतना उच्च शिक्षा निदेशालय को भारी पड़ सकती है।
जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना नहीं दिए जाने और राज्य सूचना आयोग में प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान भी निदेशालय का कोई प्रतिनिधि न जाने से मामला गंभीर हो गया है। अब निदेशक को नवंबर तक सूचना उपलब्ध कराने का अंतिम मौका दिया गया था। 1दरअसल के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव की डिग्री व प्राचार्य पद पर नियुक्ति पर संदेह जताते हुए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने निदेशक उच्च शिक्षा को 15 जून 27 को जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत पत्र देकर उस प्रमाण पत्र की मांग की गई थी जिसके आधार पर अनिरुद्ध सिंह यादव की नियुक्ति जीबी पंत कालेज कछला बदायूं, में बतौर प्राचार्य हुई थी। कालेज में उस दौरान इस पद के सृजन पर ही आरटीआइ में संदेह जताया गया है। 15 जून 27 को एक अन्य पत्र के माध्यम से अनिरुद्ध सिंह यादव के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों, विधि में स्नातक व पीएचडी की उपाधि की छाया प्रति मांगी गई है। आवेदक के अनुसार इन दोनों ही पत्रों का एक साल में भी जवाब नहीं मिला तो 14 सितंबर 27 को राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील की गई। 24 जुलाई 28 को वहां पहली सुनवाई हुई जिसमें निदेशालय से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। सात सितंबर 28 को दूसरी सुनवाई हुई। जिसमें निदेशक उच्च शिक्षा को नवंबर को आखिरी मौका दिया गया है।