अपनी ही गलतियों से 69000 शिक्षक भर्ती फंसाएंगे अफसर, टीईटी में प्रश्नों की अनदेखी पड़ सकती है भारी

बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर अपनी गलतियों से 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती भी फंसा सकते हैं। इससे पूर्व हुई 68500 भर्ती में बुरी तरह से फेल होने के बावजूद अफसरों ने अपनी गलतियों से सीख नहीं ली है।
नई भर्ती के लिए मनमाने कायदे-कानून बना दिए हैँ जिन पर आगे चलकर कानूनी विवाद तय है।.

अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार की ओर से एक दिसंबर को जारी भर्ती के शासनादेश में लिखित परीक्षा के लिए कटऑफ का कोई जिक्र नहीं है जबकि अध्यापक सेवा नियमावली 1981 की वर्तमान शर्त के अनुसार टीईटी और शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही नियुक्ति के पात्र होंगे। नए नियम में उत्तीर्ण शब्द का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इसमें न्यूनतम अर्हता अंक का निर्धारण नहीं किया गया है। सरकार उन सभी अभ्यर्थियों को भर्ती देने जा रही है जो लिखित परीक्षा में सम्मिलित होंगे और जिनके गुणांक अधिक हों। गुणांक का निर्धारण हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, प्रशिक्षण और शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर होगा। .

टीईटी में प्रश्नों की अनदेखी पड़ सकती है भारी: शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर को लेकर उठे विवाद की अनदेखी भी भारी पड़ सकती है। खासतौर से लोकसभा चुनाव की अधिसूचना वाला प्रश्न सिरदर्द बन सकता है।