69 हजार शिक्षक भर्ती से दूर रहेंगे सवालों में घिरे विशेषज्ञ, परीक्षा
संस्था लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र को लेकर सतर्क, सिलेबस से हों प्रश्न
और केवल एक उत्तर विकल्प ही रहे सही
प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 शिक्षकों की भर्ती में कॉपियां जांचने में गड़बड़ी के आरोप जेल चुकी परीक्षा संस्था अब 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती शुचिता के साथ पूरी कराकर अपने दामन पर लगे दाग को धोना चाहती है।
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का पैटर्न बदला है। अति लघु उत्तरीय की जगह इस बार बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा ओएमआर शीट पर हो रही है। इससे मूल्यांकन में गड़बड़ी का अध्याय बंद हो गया है। अब परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर को लेकर ही विवाद हो सकता है। खासतौर से प्रश्न पाठ्यक्रम के अनुरूप हों, हर सवाल का जवाब सिर्फ एक ही हो। अब तक महज 150 सवाल तय करने में ही तमाम गलतियां सामने आ चुकी हैं। टीईटी 2018 में प्राथमिक में छह, उच्च प्राथमिक के तीन सवालों के जवाब बदलने पड़े हैं, फिर भी 12 प्रश्नों के उत्तर को कोर्ट में चुनौती दी गई है।
टीईटी 2017 में हाईकोर्ट के आदेश पर परिणाम बदला था और शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा 12 मार्च की जगह 27 मई को कराई गई थी। इन मामलों को देखते हुए परीक्षा संस्था शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र को लेकर विशेष एहतियात बरत रही है। उन विशेषज्ञों के प्रश्नों को परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा, जिनके जवाब विवादित रहे हैं या फिर सेलेबस से बाहर का प्रश्न पूछने का आरोप लगा है। विशेषज्ञों को संदेश दिया जा रहा है कि ऐसे सवाल पूछे जाएं जिनका उत्तर विकल्प सिर्फ एक ही हो, ताकि विवाद की नौबत ही न आए। इतना ही नहीं, पिछली शिक्षक भर्ती में ऐसे प्रश्न पूछे गए थे, जिनके दस-दस उत्तर विकल्प स्वीकार किए गए।
नकल रोकने को ‘जम्बल’ भी रहेगा
परीक्षा में नकल पर अंकुश लगाने के लिए टीईटी की तरह शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में प्रश्नों के जवाब ‘जम्बल’ रहेंगे। असल में तैयार होने वाले प्रश्न चारों बुकलेट सीरीज में अलग क्रमांक पर होते रहे हैं लेकिन, टीईटी में उनके उत्तर विकल्प का भी क्रमांक बदल गया था। इसके अलावा अन्य कई और विकल्पों पर विचार चल रहा है।
प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 शिक्षकों की भर्ती में कॉपियां जांचने में गड़बड़ी के आरोप जेल चुकी परीक्षा संस्था अब 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती शुचिता के साथ पूरी कराकर अपने दामन पर लगे दाग को धोना चाहती है।
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का पैटर्न बदला है। अति लघु उत्तरीय की जगह इस बार बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा ओएमआर शीट पर हो रही है। इससे मूल्यांकन में गड़बड़ी का अध्याय बंद हो गया है। अब परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर को लेकर ही विवाद हो सकता है। खासतौर से प्रश्न पाठ्यक्रम के अनुरूप हों, हर सवाल का जवाब सिर्फ एक ही हो। अब तक महज 150 सवाल तय करने में ही तमाम गलतियां सामने आ चुकी हैं। टीईटी 2018 में प्राथमिक में छह, उच्च प्राथमिक के तीन सवालों के जवाब बदलने पड़े हैं, फिर भी 12 प्रश्नों के उत्तर को कोर्ट में चुनौती दी गई है।
टीईटी 2017 में हाईकोर्ट के आदेश पर परिणाम बदला था और शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा 12 मार्च की जगह 27 मई को कराई गई थी। इन मामलों को देखते हुए परीक्षा संस्था शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र को लेकर विशेष एहतियात बरत रही है। उन विशेषज्ञों के प्रश्नों को परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा, जिनके जवाब विवादित रहे हैं या फिर सेलेबस से बाहर का प्रश्न पूछने का आरोप लगा है। विशेषज्ञों को संदेश दिया जा रहा है कि ऐसे सवाल पूछे जाएं जिनका उत्तर विकल्प सिर्फ एक ही हो, ताकि विवाद की नौबत ही न आए। इतना ही नहीं, पिछली शिक्षक भर्ती में ऐसे प्रश्न पूछे गए थे, जिनके दस-दस उत्तर विकल्प स्वीकार किए गए।
नकल रोकने को ‘जम्बल’ भी रहेगा
परीक्षा में नकल पर अंकुश लगाने के लिए टीईटी की तरह शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में प्रश्नों के जवाब ‘जम्बल’ रहेंगे। असल में तैयार होने वाले प्रश्न चारों बुकलेट सीरीज में अलग क्रमांक पर होते रहे हैं लेकिन, टीईटी में उनके उत्तर विकल्प का भी क्रमांक बदल गया था। इसके अलावा अन्य कई और विकल्पों पर विचार चल रहा है।