दसवीं तक मिल सकता है मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार
नई दिल्ली। शिक्षा क्षेत्र में बदलावों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देने वाली शीर्ष इकाई सीएबीई एक प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है तो बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) का दायरा बढ़ा कर नर्सरी से आठवीं तक की जगह दसवीं तक किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा परामर्श बोर्ड (सीएबीई) आरटीई कानून के विस्तार अपनी उप-समिति की रिपोर्ट पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में 19 अगस्त को होने वाली बैठक में विचार करेगा।
इस बैठक में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के अलावा, शिक्षाविद और अन्य क्षेत्रों के विषिष्ट व्यक्ति भाग लेंगे।
वर्तमान में आरटीई कानून छह से 14 साल तक के बच्चों के लिए है जो पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई कर रहे हैं। 2012 में सीएबीई की उप-समिति ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी। उस समय संप्रग सरकार सत्ता में थी। इस रिपोर्ट में प्री-स्कूल में प्रवेश की उम्र, प्री-प्राइमरी स्तर के शिक्षकों की योग्यता और उनकी क्षमता-विस्तार, माध्यमिक शिक्षा के लिए बच्चों की उम्र और मध्यमिक शिक्षा की अवधि जैसे मसलों की पहचान की गई थी।
सीएबीई की पिछली बैठक की इन मसलों पर अध्यक्षता करते हुए तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री एमएम पल्लम राजू ने कहा था कि आरटीई का दायरा बढ़ाए जाने का निर्णय लेने से पहले इस पर विस्तृत चर्चा कराए जाने की जरूरत है।
19 अगस्त को होने वाली बैठक में सीएबीई आठवीं कक्षा तक किसी विद्यार्थी को फेल न करने की नीति के ऊपर अपनी एक अन्य उप-समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा करेगा। हरियाणा की तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता बुक्काल की अध्यक्षता वाली समिति ने इसे हटाने की सिफारिश की थी क्योंकि स्वत: पास कर देने वाली व्यवस्था से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई। कुछ राज्यों ने इसे राज्य के कानून में संशोधन कर हटा दिया है।
एजेंसी
19 अगस्त को मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता में होने जा रही बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव
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नई दिल्ली। शिक्षा क्षेत्र में बदलावों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देने वाली शीर्ष इकाई सीएबीई एक प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है तो बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) का दायरा बढ़ा कर नर्सरी से आठवीं तक की जगह दसवीं तक किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा परामर्श बोर्ड (सीएबीई) आरटीई कानून के विस्तार अपनी उप-समिति की रिपोर्ट पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में 19 अगस्त को होने वाली बैठक में विचार करेगा।
इस बैठक में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के अलावा, शिक्षाविद और अन्य क्षेत्रों के विषिष्ट व्यक्ति भाग लेंगे।
वर्तमान में आरटीई कानून छह से 14 साल तक के बच्चों के लिए है जो पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई कर रहे हैं। 2012 में सीएबीई की उप-समिति ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी। उस समय संप्रग सरकार सत्ता में थी। इस रिपोर्ट में प्री-स्कूल में प्रवेश की उम्र, प्री-प्राइमरी स्तर के शिक्षकों की योग्यता और उनकी क्षमता-विस्तार, माध्यमिक शिक्षा के लिए बच्चों की उम्र और मध्यमिक शिक्षा की अवधि जैसे मसलों की पहचान की गई थी।
सीएबीई की पिछली बैठक की इन मसलों पर अध्यक्षता करते हुए तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री एमएम पल्लम राजू ने कहा था कि आरटीई का दायरा बढ़ाए जाने का निर्णय लेने से पहले इस पर विस्तृत चर्चा कराए जाने की जरूरत है।
19 अगस्त को होने वाली बैठक में सीएबीई आठवीं कक्षा तक किसी विद्यार्थी को फेल न करने की नीति के ऊपर अपनी एक अन्य उप-समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा करेगा। हरियाणा की तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता बुक्काल की अध्यक्षता वाली समिति ने इसे हटाने की सिफारिश की थी क्योंकि स्वत: पास कर देने वाली व्यवस्था से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई। कुछ राज्यों ने इसे राज्य के कानून में संशोधन कर हटा दिया है।
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19 अगस्त को मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता में होने जा रही बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव
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