आखिर कब और कैसे सुधरेंगे गुरुजी! : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Latest updates

शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने को चालू शैक्षिक सत्र को गुणवत्ता उन्नयन वर्ष घोषित किया है लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की शिक्षकों से बच्चों के भविष्य को चमकाने के लिए गंभीरता से पढ़ाने की अपील अधिकांश शिक्षकों पर कोई असर नहीं डाल सकी। पढ़ाना तो दूर वे समय से स्कूल तक नहीं आ रहे।
अगस्त में जिले के स्कूलों में हुए औचक निरीक्षणों की रिपोर्ट गवाह है कि अधिकतर स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई तो दूर बच्चों की उपस्थिति 20 से 60 फीसद तक है। कई स्कूलों में निरीक्षण टीम को निर्धारित समय से एक घंटे बाद पहुंचने पर ताला बंद मिला। कुछ में शिक्षक गायब थे तो कुछ में प्रधानाध्यापक। कहीं एक ही कक्षा में सभी कक्षाओं के बच्चे बैठे मिले तो कहीं बच्चे मैदान में दौड़ते दिखे। 65 फीसद स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं मिला।
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कुछ चौंकाने वाले सच
-1: बीएसए को 20 अगस्त को निरीक्षण में प्राथमिक स्कूल गांधी नगर (वार्ड 35) बंद मिला। शिक्षकों का दस दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गयी।
-2 : इसी दिन बीएसए के निरीक्षण में सरायमीता प्राथमिक स्कूल में एक शिक्षक के बारे में बच्चों व पड़ोसियों ने बताया कि वह कभी-कभी ही आते हैं और कभी भी चले जाते हैं। शिक्षक का दस दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गई।

-3 : खंड शिक्षा अधिकारी घाटमपुर को गड़ाथा के प्राथमिक स्कूल में जूनियर के 93 बच्चों में 17 उपस्थित मिले। कुछ शिक्षक बिना सूचना के गायब थे। उनका अग्रिम आदेश तक वेतन रोका गया।
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-4 : प्राथमिक स्कूल वनखंडेश्वर में बीएसए को दो शिक्षक बिना सूचना के गायब मिले। उनका 10 दिन का वेतन काटने की कार्रवाई हुई। पंजीकृत 38 बच्चों में एक ही उपस्थित था।

-5 : एसडीएम बिल्हौर को प्राथमिक स्कूल हाकिन में पंजीकृत 68 बच्चों में 5 उपस्थित मिले। कक्षा पांच के सिर्फ दो बच्चे 4 तक का पहाड़ा सुना पाए।
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निरीक्षण की तस्वीर
जिले में स्कूल : 2647
निरीक्षण हुआ : 620 में
पढ़ाई का माहौल नहीं : 65 फीसद
कार्रवाई के शिकार शिक्षक : 13
कार्रवाई : वेतन कटौती, नोटिस, अग्रिम आदेश तक वेतन पर रोक।
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क्या हैं निर्देश
– कक्षा में श्रवण, लेखन, वाचन पर जोर।
– पढ़ाई में पिछड़े बच्चों की पृथक चिंता।
– बेहतर बच्चों को पुरस्कार देने की योजना।
– हर स्कूल का रिपोर्ट कार्ड तैयार करें।
– सुरुचिपूर्ण, सुरक्षित वातावरण बनाना।
– नियमित अंतराल पर परीक्षाएं कराएं।
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‘इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बहुत खराब है। सुधार के प्रयास हो रहे हैं। निरीक्षण के साथ अधिकारियों व संबंधित शिक्षकों की बैठकें की जा रही हैं। सुधार न होने पर कार्रवाई तय है।’
– सतीश कुमार, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक।

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