इलाहाबाद (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद
(इलाहाबाद) के पास वकीलों की फौज है, लेकिन कोई ऐसी शिक्षक भर्ती नहीं हुई
है जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार की किरकिरी न हुई हो। जिला
कचहरी व हाईकोर्टसे संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए प्रत्येक जिले में
एक वकील व दर्जनभर वरिष्ठ अधिवक्ता बेसिक शिक्षा परिषद के पास हैं।
प्रदेश सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद प्रत्येक माह इन वकीलों पर लाखों रुपये खर्च करती है। साढ़े तीन लाख शिक्षामित्र, 29825 गणित-विज्ञान शिक्षक, 72825 शिक्षक भर्ती सहित अन्य मामलों में परिषद और शासन की किरकिरी हुई है। अभी हाल ही में शुरूहोने वाली बीटीसी-2011 के तहत 15 हजार भर्तीके दौरान हाईकोर्ट में बेसिक शिक्षा परिषद और प्रदेश सरकार की किरकिरी हुई जब हाईकोर्टने बीटीसी-2011 के शिक्षक भर्ती में बीटीसी-2012 के अभ्यर्थियों को नौकरी देने का आदेश दिया, जबकि जिस दिन बीटीसी-2011 की भर्तीको विज्ञापन जारी हुआ था उस दिन बीटीसी-2012 के अभ्यर्थियों के पास आवेदन के लिए योग्यता नहीं थी।यह बात बेसिक शिक्षा परिषद के वकील हाईकोर्ट में नहीं रख पाये।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार और बेसिक
शिक्षा परिषद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित वकीलों को हटाने की
तैयारी में है।
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