धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद ब्लाक मुख्यालयों पर तैनात खंड शिक्षाधिकारियों के तबादले की नीति बन रही
है। शासन इन अफसरों को एक ही जिले में रहने का ‘रोग’ अब नहीं लगने देगा।
इसलिए दस वर्ष से एक ही जिले में जमे अफसरों को हटाने के बाद नीति को
मूर्तरूप दिया जा रहा है, ताकि फेरबदल नियमित तरीके से होते रहे।
नीति में तबादलों का समय एवं एक जिले में कार्य करने की मियाद व अन्य बिंदुओं को मंथन करने के बाद शामिल किया जा रहा है। तैयारी है कि नए शैक्षिक सत्र से इसे लागू किया जा सके।
विकासखंड स्तर पर शैक्षिक गतिविधियों को तेज करने की जिम्मेदारी उठाने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों का नियमित रूप से अब स्थान परिवर्तन होता रहेगा। प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारियों के 1031 पद हैं व उसके सापेक्ष 850 अधिकारियों से किसी तरह काम चलाया जा रहा है। कई अफसर आसपास के विकासखंडों की अतिरिक्त जिम्मेदारी उठा रहे हैं। इनमें से तमाम अधिकारी ऐसे हैं जो एक ही जिले में रहकर नौकरी कर रहे थे। उनका इधर कुछ वर्षो में बाकायदे अभियान चलाकर फेरबदल किया गया। अब एक ही जिले में शायद ही कोई दस वर्ष से तैनात हो, वरना सबको इधर से उधर किया जा चुका है। इसमें आला अफसरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। शासन की मंशा है कि एक ही जिले में लंबे समय तक रहने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए, वरना फिर उन्हें हटाने में परेशानी होगी। इसीलिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल के निर्देश पर बाकायदे नीति बन रही है। यानी अब उसी के अनुरूप तय माह में और तय समयावधि पूरी करने वाले अफसर दूसरे जिलों में जाएंगे। तैयारी है कि छह साल से एक ही जिले में तैनात शिक्षा अधिकारियों को हटाने का नीति में प्रावधान होगा। ऐसे ही तबादले शैक्षिक सत्र के बजाए सरकार के निर्देश के अनुरूप किए जाएंगे। यानी मई-जून माह में प्रदेश भर के शिक्षा अधिकारी यहां से वहां होंगे। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को राहत देते हुए उनसे ही कम से कम तीन जिलों का विकल्प पूछे जाएंगे। साथ ही यह भी निर्देश होगा कि यदि विकल्प वाले जिलों में जगह नहीं है तो शासन अपनी मर्जी से चयनित जिले में भेजेगा।
पहले शासन स्तर पर अंतरजनपदीय फेरबदल होगा और इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी को जिले के अंदर विकास खंडवार बदलाव करने का समय दिया जाएगा, ताकि पूरा फेरबदल किया जा सके। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक विनय कुमार पांडेय ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों की तबादला नीति बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए अन्य विभागों की नीतियों का अध्ययन किया जा रहा है। उसके बाद ही रिपोर्ट तैयार होगी।
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नीति में तबादलों का समय एवं एक जिले में कार्य करने की मियाद व अन्य बिंदुओं को मंथन करने के बाद शामिल किया जा रहा है। तैयारी है कि नए शैक्षिक सत्र से इसे लागू किया जा सके।
विकासखंड स्तर पर शैक्षिक गतिविधियों को तेज करने की जिम्मेदारी उठाने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों का नियमित रूप से अब स्थान परिवर्तन होता रहेगा। प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारियों के 1031 पद हैं व उसके सापेक्ष 850 अधिकारियों से किसी तरह काम चलाया जा रहा है। कई अफसर आसपास के विकासखंडों की अतिरिक्त जिम्मेदारी उठा रहे हैं। इनमें से तमाम अधिकारी ऐसे हैं जो एक ही जिले में रहकर नौकरी कर रहे थे। उनका इधर कुछ वर्षो में बाकायदे अभियान चलाकर फेरबदल किया गया। अब एक ही जिले में शायद ही कोई दस वर्ष से तैनात हो, वरना सबको इधर से उधर किया जा चुका है। इसमें आला अफसरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। शासन की मंशा है कि एक ही जिले में लंबे समय तक रहने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए, वरना फिर उन्हें हटाने में परेशानी होगी। इसीलिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल के निर्देश पर बाकायदे नीति बन रही है। यानी अब उसी के अनुरूप तय माह में और तय समयावधि पूरी करने वाले अफसर दूसरे जिलों में जाएंगे। तैयारी है कि छह साल से एक ही जिले में तैनात शिक्षा अधिकारियों को हटाने का नीति में प्रावधान होगा। ऐसे ही तबादले शैक्षिक सत्र के बजाए सरकार के निर्देश के अनुरूप किए जाएंगे। यानी मई-जून माह में प्रदेश भर के शिक्षा अधिकारी यहां से वहां होंगे। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को राहत देते हुए उनसे ही कम से कम तीन जिलों का विकल्प पूछे जाएंगे। साथ ही यह भी निर्देश होगा कि यदि विकल्प वाले जिलों में जगह नहीं है तो शासन अपनी मर्जी से चयनित जिले में भेजेगा।
पहले शासन स्तर पर अंतरजनपदीय फेरबदल होगा और इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी को जिले के अंदर विकास खंडवार बदलाव करने का समय दिया जाएगा, ताकि पूरा फेरबदल किया जा सके। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक विनय कुमार पांडेय ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों की तबादला नीति बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए अन्य विभागों की नीतियों का अध्ययन किया जा रहा है। उसके बाद ही रिपोर्ट तैयार होगी।
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