खुली बेसिक शिक्षा विभाग की पोल : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जासं, इलाहाबाद: शिक्षा को लेकर देश के भविष्य को कैसे छला जा रहा है इसकी बानगी इस वर्ष हुई परिषदीय स्कूलों की परीक्षा में देखने को मिली। सौ दो सौ नहीं बल्कि 53 हजार से ज्यादा बच्चे परीक्षा में अनुपस्थित
रहे। शासन ने निर्देश दिए थे कि स्कूलों में पंजीकृत शत प्रतिशत बच्चे परीक्षा में शामिल हों। शासन ने अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्रओं की संख्या मांग ली है। इससे शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। अफसर इसकी वजह जागरुकता का अभाव बताते हैं। हालांकि हजारों फर्जी रजिस्ट्रेशन को लेकर वह चुप्पी साध जाते हैं।

शिक्षा विभाग के आंकड़े पर गौर करें तो जिले भर में कक्षा दो से पांच तक 2,49645 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनमें से 2,10315 ने परीक्षा दी थी जबकि 39,330 अनुपस्थित रहे।
कक्षा छह से आठ तक 89,579 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। इनमें 75,756 ने परीक्षा दी जबकि 13,823 परीक्षार्थी परीक्षा देने स्कूल नहीं पहुंचे। इस तरह जिलेभर में 53,153 विद्यार्थियों ने परीक्षा नहीं दी। यह हाल तब है जबकि परिषदीय स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेंड टीचर, नि:शुल्क शिक्षण सामग्री दी जा रही है। इसके बाद भी बच्चे स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं। परीक्षा में शामिल न होने की वजह कुछ और ही है। दरअसल, सरकार नामांकन पर जोर दे रही है।
शिक्षक भी स्कूलों में पंजीकरण में हेर फेर कर रहे हैं। इस बार उनकी जो रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध कराई गई थी उसमें कहीं न कहीं फर्जीवाड़ा था। जानकारों की माने तो परीक्षा ही वह पैमाना है जो बच्चों की सही उपस्थिति को दर्शा सकता है। इस वजह से यूपी बोर्ड के पैटर्न पर परिषदीय विद्यालयों की परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा ने परिषदीय बच्चों की उपस्थिति का सही आंकड़ा पेश कर दिया है।

अभिभावकों में जागरुकता का अभाव है। इस वजह से उनके बच्चे स्कूलों में परीक्षा देने नहीं पहुंचे। आंकड़ा बेसिक शिक्षा निदेशक लखनऊ को भेजा जाएगा। वहां से प्राप्त दिशा निर्देश के बाद कार्रवाई की जाएगी। - राजकुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी| 

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