प्रवीण विक्रम ¨सह, ग्रेटर नोएडा : गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, जीबीयू में
शिक्षक भर्ती घोटाला बड़े स्तर पर हुआ है। पहले भी लोकायुक्त जांच के घेरे
में आए जीबीयू पर अब फिर से संकट के बादल छाने लगे है। जीबीयू में
प्रशासनिक अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की अंतिम सीढ़ी पार दी है।
बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में दो बाहरी सदस्यों ने 78 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए बीओएम के कागजों पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। बीओएम में जमकर हंगामा हुआ, बैठक में मौजूद कुलपति डा. जेपी शर्मा, रजिस्ट्रार अमरनाथ उपाध्याय व कई अन्य लोगों ने दोनों सदस्यों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन दोनों नहीं मानें और बिना हस्ताक्षर किए बैठक से चले गए। फिर क्या था गड़बड़ झाला को मैनेज करने के लिए जीबीयू के कुलपति डा. जेपी शर्मा एक महिला डीन लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय चले गए। सूत्रों की मानें तो कुलपति को मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश दिए गए है कि भर्ती प्रक्रिया को रिव्यू करे और सारी गड़बड़ी को ठीक करे।
दरअसल, जीबीयू में सत्र 2016-17 के लिए 78 शिक्षकों की भर्ती होनी है। इसके लिए विवि प्रशासन द्वारा आवेदन मांगे गए थे। लेकिन आवेदन आने के बाद जो हुआ, वह समझ से परे है। जीबीयू में बड़े स्तर पर शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में स्क्री¨नग कमेटी ने अहम भूमिका निभाई। स्क्री¨नग कमेटी में ही गड़बड़ झाला की शुरूआत हुई। विवि में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किए गए आवेदक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गई है। 6600 के ग्रेड पे पर उसी व्यक्ति को नौकरी मिल सकती थी जो कि पहले से किसी विवि में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हो, इसकी जानकारी विवि प्रशासन ने अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में भी दी थी। लेकिन नियमों के विरूद्ध जिस व्यक्ति को सहायक रजिस्ट्रार बनाया गया है, वह पहले किसी अन्य विवि में अतिरिक्त प्रभार पर कार्यरत था। इस भर्ती प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखा गया। इसके अलावा बुद्धिज्म विभाग में ऐसे व्यक्ति को फैकल्टी एसोसिएट पर चुना गया है, जो कि साक्षात्कार में प्रश्नों के जवाब भी नहीं दे सका था। जबकि कई अन्य होनहार आवेदकों के हाथ निराशा लगी। इसमें बताया जा रहा है कि विभाग के डीन पर प्रशासनिक अधिकारियों ने दबाव बनाया। बुद्धिज्म का साक्षात्कार लेने के लिए फिजिक्स के विशेषज्ञ को बैठाया गया था।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में दो बाहरी सदस्यों ने 78 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए बीओएम के कागजों पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। बीओएम में जमकर हंगामा हुआ, बैठक में मौजूद कुलपति डा. जेपी शर्मा, रजिस्ट्रार अमरनाथ उपाध्याय व कई अन्य लोगों ने दोनों सदस्यों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन दोनों नहीं मानें और बिना हस्ताक्षर किए बैठक से चले गए। फिर क्या था गड़बड़ झाला को मैनेज करने के लिए जीबीयू के कुलपति डा. जेपी शर्मा एक महिला डीन लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय चले गए। सूत्रों की मानें तो कुलपति को मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश दिए गए है कि भर्ती प्रक्रिया को रिव्यू करे और सारी गड़बड़ी को ठीक करे।
दरअसल, जीबीयू में सत्र 2016-17 के लिए 78 शिक्षकों की भर्ती होनी है। इसके लिए विवि प्रशासन द्वारा आवेदन मांगे गए थे। लेकिन आवेदन आने के बाद जो हुआ, वह समझ से परे है। जीबीयू में बड़े स्तर पर शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में स्क्री¨नग कमेटी ने अहम भूमिका निभाई। स्क्री¨नग कमेटी में ही गड़बड़ झाला की शुरूआत हुई। विवि में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किए गए आवेदक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गई है। 6600 के ग्रेड पे पर उसी व्यक्ति को नौकरी मिल सकती थी जो कि पहले से किसी विवि में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हो, इसकी जानकारी विवि प्रशासन ने अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में भी दी थी। लेकिन नियमों के विरूद्ध जिस व्यक्ति को सहायक रजिस्ट्रार बनाया गया है, वह पहले किसी अन्य विवि में अतिरिक्त प्रभार पर कार्यरत था। इस भर्ती प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखा गया। इसके अलावा बुद्धिज्म विभाग में ऐसे व्यक्ति को फैकल्टी एसोसिएट पर चुना गया है, जो कि साक्षात्कार में प्रश्नों के जवाब भी नहीं दे सका था। जबकि कई अन्य होनहार आवेदकों के हाथ निराशा लगी। इसमें बताया जा रहा है कि विभाग के डीन पर प्रशासनिक अधिकारियों ने दबाव बनाया। बुद्धिज्म का साक्षात्कार लेने के लिए फिजिक्स के विशेषज्ञ को बैठाया गया था।
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