नोएडा । गौतमबुद्ध
विश्वविद्यालय (जीबीयू) में 78 शिक्षकों की भर्ती विवादों के घेरे में आ
गई है। 14 जून को बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में दो बाहरी सदस्यों ने 78
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए इसके अनुमोदन पत्र पर
हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया।
बैठक में मौजूद कुलपति डॉ. जेपी
शर्मा, रजिस्ट्रार अमरनाथ उपाध्याय व कई अन्य लोगों ने दोनों सदस्यों को
मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और बिना हस्ताक्षर किए बैठक से
चले गए। मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने पर वहां से भी भर्ती
प्रक्रिया की पुन: समीक्षा कर गड़बड़ी दूर करने के निर्देश दिए गए हैं।
जीबीयू में सत्र 2016-17 के लिए 78
शिक्षकों की भर्ती की गई है। इनके अनुमोदन के लिए बोर्ड आफ मैनेजमेंट की
बैठक 14 जून को बुलाई गई थी। इस बैठक में दो बाहरी सदस्यों ने भर्ती
प्रक्रिया में निर्धारित मानकों का उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाते हुए
अनुमोदन पत्र पर हस्ताक्षर से इन्कार कर दिया।
सूत्रों के अनुसार इसके बाद कुलपति व
एक महिला डीन ने लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी पैरवी की लेकिन
वहां से भी भर्ती प्रक्रिया की पुन: समीक्षा कर गड़बड़ी दुरुस्त करने के
निर्देश दिए गए। सूत्रों के अनुसार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में स्क्रीनिंग
कमेटी में ही गड़बड़झाले की शुरुआत हुई।
विवि में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर
नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गई। इस पद पर नियुक्ति के लिए शर्त यह
थी कि 6600 रुपये के पे ग्रेड पर उसे ही नियुक्त किया जाएगा जो किसी विवि
में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हो।
जिस व्यक्ति को सहायक रजिस्ट्रार
बनाया गया है, वह पहले किसी अन्य विवि में अतिरिक्त प्रभार पर कार्यरत था।
बुद्धिज्म विभाग में ऐसे व्यक्ति को फैकल्टी एसोसिएट पर चुना गया है, जो कि
साक्षात्कार में प्रश्नों के जवाब भी नहीं दे सका था।
यही नहीं बुद्धिज्म का साक्षात्कार
लेने के लिए फिजिक्स के विशेषज्ञ को बैठाया गया था। जीबीयू के कुलपति डॉ.
जेपी शर्मा ने कहा कि बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में आए बाहरी सदस्यों को भर्ती
प्रक्रिया के संबंध में पूरी जानकारी नहीं थी। आरक्षण के संबंध में सदस्यों
द्वारा जानकारी मांगी गई है। फिर से बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक आयोजित कर
भर्ती प्रक्रिया को रिव्यू किया जाएगा।
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