प्रशासनिक सुधार विभाग | चांदपुर बिजनौर निवासी श्री मदन सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर से सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत सूचना मांगी थी कि प्रा0 विद्यालय ग्राम जहांगीर मजरा
ज्ञानपुर उर्फ रूपपुर खण्ड शिक्षा वि0क्षे0 जलीलपुर बिजनौर में पूर्व में कार्यरत प्रधानाध्यापिका श्रीमती शाशिबाला द्वारा अपने कार्यकाल में फर्जी अमन पुत्र सुरेन्द्र सिंह तथा माता का नाम मधु दर्शाकर विद्यालय में प्रवेश दिखा कर कई वर्षों तक फर्जीवाड़ा करके छात्रवृत्ति निकाली गयी तथा जांच अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा की गयी कार्यावाही आदि की प्रमाणित छायाप्रति मांगी थी, मगर विभाग द्वारा वादी को सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी। वादी ने आर0टी0आई0 एक्ट के तहत राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर जानकारी मांगी।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर को आदेशित किया था कि वादी के प्रार्थना-पत्र में उठाये गये बिन्दुओं की सूचना 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से आयोग के समक्ष पेश करें। आयोग में सुनवाई के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर की ओर से श्री श्यामलाल पंवार उपस्थित हुए, उन्होंने प्रकरण के सम्बन्ध में आयोग को अवगत कराया कि पूर्व में कार्यरत प्रधानाध्यापिका श्रीमती शाशिबाला पत्नी श्री सुरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम रूपपुर केे द्वारा अपने कार्यकाल में अपने फर्जी पुत्र अमन के नाम से अनेक बार छात्रवृत्ति प्राप्त की। उन्होंने अमन पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह माता श्रीमती मधु का नाम श्रीमती शशिबाला के कार्यकाल में पंजीकृत कर छात्रवृत्ति आहरित की, पद का दुरूपयोग किया और अमन पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह ग्राम रूपपुर जाति चैहान का फर्जी प्रवेश करके छात्रवृत्ति एवं अन्य योजनाओं का लाभ लिया।
रिपोर्ट के अनुसार अमन की माता का नाम शशिबाला के स्थान पर मधु अंकित है, अपने कार्यकाल में फर्जी प्रवेश कर उनके नाम पर छात्रवृत्ति आहरित करने, अपने उच्चाधिकारी के आदेश का उत्तर न देने के कारण प्र0अ0 प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर बेला विकास खण्ड जलीलपुर की एक अस्थाई वेतनवृद्धि रोकते हुए उनके कार्यकाल में आहरित छात्रवृत्ति की धनराशि बैंक के ब्याज सहित उनसे एकमुश्त वसूली कर जमा करायी जाये तथा इनके विरूध निलम्बन एवं दण्डात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।
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ज्ञानपुर उर्फ रूपपुर खण्ड शिक्षा वि0क्षे0 जलीलपुर बिजनौर में पूर्व में कार्यरत प्रधानाध्यापिका श्रीमती शाशिबाला द्वारा अपने कार्यकाल में फर्जी अमन पुत्र सुरेन्द्र सिंह तथा माता का नाम मधु दर्शाकर विद्यालय में प्रवेश दिखा कर कई वर्षों तक फर्जीवाड़ा करके छात्रवृत्ति निकाली गयी तथा जांच अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा की गयी कार्यावाही आदि की प्रमाणित छायाप्रति मांगी थी, मगर विभाग द्वारा वादी को सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी। वादी ने आर0टी0आई0 एक्ट के तहत राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर जानकारी मांगी।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर को आदेशित किया था कि वादी के प्रार्थना-पत्र में उठाये गये बिन्दुओं की सूचना 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से आयोग के समक्ष पेश करें। आयोग में सुनवाई के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर की ओर से श्री श्यामलाल पंवार उपस्थित हुए, उन्होंने प्रकरण के सम्बन्ध में आयोग को अवगत कराया कि पूर्व में कार्यरत प्रधानाध्यापिका श्रीमती शाशिबाला पत्नी श्री सुरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम रूपपुर केे द्वारा अपने कार्यकाल में अपने फर्जी पुत्र अमन के नाम से अनेक बार छात्रवृत्ति प्राप्त की। उन्होंने अमन पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह माता श्रीमती मधु का नाम श्रीमती शशिबाला के कार्यकाल में पंजीकृत कर छात्रवृत्ति आहरित की, पद का दुरूपयोग किया और अमन पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह ग्राम रूपपुर जाति चैहान का फर्जी प्रवेश करके छात्रवृत्ति एवं अन्य योजनाओं का लाभ लिया।
रिपोर्ट के अनुसार अमन की माता का नाम शशिबाला के स्थान पर मधु अंकित है, अपने कार्यकाल में फर्जी प्रवेश कर उनके नाम पर छात्रवृत्ति आहरित करने, अपने उच्चाधिकारी के आदेश का उत्तर न देने के कारण प्र0अ0 प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर बेला विकास खण्ड जलीलपुर की एक अस्थाई वेतनवृद्धि रोकते हुए उनके कार्यकाल में आहरित छात्रवृत्ति की धनराशि बैंक के ब्याज सहित उनसे एकमुश्त वसूली कर जमा करायी जाये तथा इनके विरूध निलम्बन एवं दण्डात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।
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