फर्जी एनओसी पर चयन समिति के सदस्य ने दिया इस्तीफा, बीएसए पर लगा है बैकडेट में शिक्षामित्रों को एनओसी देने का आरोप

रायबरेली। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कारनामे विभाग को न केवल शर्मसार कर रहे हैं बल्कि सरकार की भी छवि को मटियामेट करने में उतारू हैं। 16 हजार 844 शिक्षकों की भर्ती में प्रति शिक्षामित्र एक हजार रुपए की वसूली कर बैकडेट में एनओसी जारी करने के आरोपी बीएसए अपने कारनामों से सुर्खियां बटोर रहे
हैं। दागदार और विवादित कार्यशैली वाले बीएसए गुरूशरण दास निरंजन कुछ शिक्षक नेताओं के हाथों की कठपुतली बनकर अपनी मर्यादायें लांघ रहे हैं। बीएसए पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से खिन्न शिक्षकों की चयन समिति में जिलाधिकारी द्वारा नामित किये गये फीरोज गांधी डिग्री कालेज में हिन्दी विभागाध्यक्ष बीडी मिश्रा ने शिक्षक चयन समिति से इस्तीफा दे दिया है। श्री मिश्रा की मानें तो बीएसए पर गलत तरीके से शिक्षामित्रों को एनओसी देने के आरोप हैं इससे चयन समिति के सदस्यों की भूमिका भी लोगों के नजर में संदेह के घेरे में आती है। इसलिए ऐसा कदम उठाया गया है। डीएम ने चयन समिति के सदस्य के पत्र के आधार पर बीएसए से आख्या मांगी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गुरूशरण दास निरंजन ने बेसिक शिक्षा विभाग को महज कमाई का जरिया बनाकर रख दिया है। हर कार्य के अलग-अलग रेट तय रखे हैं। अभी शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर उन पर लगे वसूली के गम्भीर आरोप ठण्डे भी नहीं हुये थे कि शिक्षामित्रों को नियम विरुद्ध रुपए लेकर एनओसी देने के आरोप पुन: लग गये। बताया जा रहा है कि बीएसए ने एनओसी लेटर टाइप करा रखे हैं। उनमें हस्ताक्षर भी कर दिये हैं और अधीनस्थों को मौखिक निर्देश जारी कर दिये हैं कि एक हजार रुपए लेकर एनओसी जारी कर दी जाए हिसाब वह बाद में करेंगे। मीडिया द्वारा बीएसए की भ्रष्ट कार्यशैली उजागर की गयी तो शिक्षक चयन समिति के नामित सदस्य फीरोज गांधी डिग्री कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. बीडी मिश्र ने समिति से अपना इस्तीफा दे दिया। जिलाधिकारी को दिये गये पत्र में श्री मिश्र ने अवैधानिक तरीके से शिक्षामित्रों को जारी की जा रही एनओसी पर आपत्ति जतायी है। उन्होंने इसमें समिति के सभी सदस्यों की गरिमा का हवाला दिया और कहाकि ऐसी समिति जिसमें नियुक्ति को लेकर गलत प्रक्रियाएं अपनायी जा रही हैं रहने का कोई मतलब नहीं है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बीटीसी प्रशिक्षुओं ने बीएसए पर वसूली कर एनओसी जारी करने के आरोप लगाकर डीएम से शिकायत की थी। बावजूद इसके धड़ाधड़ एनओसी जारी की जा रही हैं। बीएसए की कार्यशैली के बारे में मीडिया के माध्यम से जानकारी हुयी। बीएसए से बात हुयी लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। ऐसी कार्यशैली न केवल गरिमा धूमिल करती है बल्कि पारदर्शिता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है इसलिए शिक्षक चयन समिति से मैंने इस्तीफा दे दिया है।डॉ. बीडी मिश्र, सदस्य चयन समितिमुझे इन सब मामलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिसको जो सोचना, कहना है कहे और सोचे। मेरे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता। गुरुशरण दास निरंजन, बीएसए रायबरेली।शिक्षक चयन समिति के सदस्य ने समिति में रहने में असमर्थता जतायी है। उन्होंने जो भी बातें बतायी हैं उन पर बीएसए से आख्या मांगी गयी है। वसूली की बात सही निकली तो कड़ी कार्रवाई होगी। अनुज कुमार झा, डीएम रायबरेली।

भ्रष्ट कार्यशैली से सरकार की छवि धूमिल, डीएम ने मांगी आख्या
रायबरेली। समायोजित और शिक्षक बन चुके शिक्षामित्रों को मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। नियम है कि कोई भी अपने से निम्न या बराबर पे गे्रड पर आवेदन नहीं कर सकता। जबकि शिक्षामित्र ऐसा कर रहे हैं। नियमत: उनका आवेदन निरस्त माना जाना चाहिए। शिक्षामित्रों का मानना है कि यदि उन्होंने इस भर्ती में आवेदन किया और सफल हो गये तो उन्हें उस डर से मुक्ति मिल जायेगी जो कोर्ट के फैसले को लेकर लगा रहता है।
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