एक लम्बे अर्शे से इंतज़ार के बाद आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आज अपना केस माननीय न्यायधीश दीपक मिश्रा जी व् माननीय न्यायधीश सी नागप्पन जी के कोर्ट नंबर 4 में आइटम नंबर 14 पर था।
24फरबरी को हुई सुनवाई/आदेश के बाद से 26अप्रैल, 9मई, 27जुलाई को लगातार सुनवाई बिना हुए ही तारिख का आगे बड़ जाना निराशाजनक था। इस बार भी सुनवाई की स्तिथि संदेहास्पद ही थी किन्तु कल जब लिस्ट पुनः अपडेट हुई तब अंदर से आवाज आई आज सुनवाई बहुत अच्छी होगी। इसके बाद हमने अपने सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं की ब्रीफिंग पुनः कराई और आज सभी कोर्ट रूम में अग्रिम पंक्ति में उपस्तिथि थे।
सुनवाई लगभग 11:15पर प्रारम्भ हुई सबसे पहले 12,091से सम्बंधित एडवोकेट ने अपनी बात रखी इसके बाद 72,825 मुद्दे पर सरकार ने अपना पक्ष रखा। इसी बीच न्यायधीश दीपक मिश्रा जी शिक्षामित्रों से सम्बंधित मुद्दे को डी टेग कर दिया और कहा आप सभी 23नवम्बर को आये। इसके बाद अब तक बने समस्त याचियों व् उनकी तरफ से मौजूद सभी वकीलों ने अपने अपने तरह से याची लाभ का मुद्दा उठाया। कुछ एडवोकेट्स ने 1100में लाभ से वंचित याचियों की बात रखी तो कुछ ने 24फरबरी तक के याचियों तथा कुछ ने 26अप्रैल तक।
दीपक मिश्रा जी ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए IA's को नोट करना प्रारम्भ कर दिया जब कुछ IA's लिख ली तब कहा शेष को कोर्ट मास्टर जी को नोट कराने के लिए कहा किन्तु इसी बीच किसी एडवोकेट ने टेट रिजल्ट में हुई धांधली, व् निदेशक के जेल में होने की बात कही और कोर्ट को उस दिशा में ले जाने का प्रयास किया किन्तु इस मुद्दे को दीपक मिश्रा जी ने ही सुलझा दिया कि जो गलत है उसे हटा कर शेष पर ध्यान दीजिये।
लगभग 50-52मिनट हुई सुनवाई में उम्मीद लग रही थी कि आज ही याची राहत का स्पस्ट आदेश जारी हो किन्तु कोर्ट रूम में भारी भीड़, कुछ अधिवक्ताओं का गलत तरह से मुद्दों को उठाना व् आप लोगों का एक से अधिक याचिकाओं में होने से संख्या का ज्यादा प्रतीत होना कहीं न कहीं लगा कि कोर्ट असमंजस में थी किन्तु 7दिसम्बर व् 24फरबरी के आदेश के कम्प्लाइंस् हेतु गंभीर भी। इसके अतिरिक्त सरकार के लगातार आदेश के अनुपालन ना करने पर शक्त भी। इसके बाद कोर्ट ने एक बार फिर 7दिसम्बर2015 तथा 24फरबरी2016 के आदेश के अनुपालन का आदेश दिया तथा सरकार को एफिडेविट के माध्यम से सूचित करने के लिए कहा।
उक्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने शिक्षामित्र मामले की अगली तारिख 23नवम्बर लगाई तथा हमारे मुद्दे को इसके बाद सुनने की बात कही तब हमारे वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णन वेणुगोपाल जी ने पुनः टेट सर्टिफिकेट के वैद्यता को कोर्ट के संज्ञान में रखा। इसके बाद सुनवाई की अगली तिथि 5अक्टूबर निर्धारित की गयी।
दोस्तों, आज सकारात्मक पक्ष यह रहा कि 6माह के लम्बे अंतराल बाद अच्छी सुनवाई हुई और कोर्ट याची राहत मुद्दे पर सकारात्मक दिखी। यदि मैं व्यक्तिगत आंकलन करूँ को 24फरबरी को हमने यदि 80% याची राहत प्राप्त की थी तो आज यह बढ़कर 99% हो गयी है। यदि आगे भी अच्छी पैरवी की गयी तो सुखद परिणाम निश्चित ही हमें प्राप्त होगा।
दोस्तों, यहाँ एक बात ओर मैं आप सभी से कहना चाहूँगा कि याची राहत या RTEएक्ट के तहत रिक्त पदों पर योग्य शिक्षकों के चयन की माँग करके हम 72,825पदों से अतिरिक्त पदों की प्रार्थना कोर्ट से कर रहे है। यह कार्य एक विरोधी शक्तिशाली सरकार के विरुद्ध आसान कार्य नही है। अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए हमें अंत तक धैय बनाये रखना है कोर्ट भी अब केस को फाइनल करने की तरफ अग्रसर है।
शेष आदेश अपडेट होने पर....
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व् आपके उज्जवल भविष्य की शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
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सुनवाई लगभग 11:15पर प्रारम्भ हुई सबसे पहले 12,091से सम्बंधित एडवोकेट ने अपनी बात रखी इसके बाद 72,825 मुद्दे पर सरकार ने अपना पक्ष रखा। इसी बीच न्यायधीश दीपक मिश्रा जी शिक्षामित्रों से सम्बंधित मुद्दे को डी टेग कर दिया और कहा आप सभी 23नवम्बर को आये। इसके बाद अब तक बने समस्त याचियों व् उनकी तरफ से मौजूद सभी वकीलों ने अपने अपने तरह से याची लाभ का मुद्दा उठाया। कुछ एडवोकेट्स ने 1100में लाभ से वंचित याचियों की बात रखी तो कुछ ने 24फरबरी तक के याचियों तथा कुछ ने 26अप्रैल तक।
दीपक मिश्रा जी ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए IA's को नोट करना प्रारम्भ कर दिया जब कुछ IA's लिख ली तब कहा शेष को कोर्ट मास्टर जी को नोट कराने के लिए कहा किन्तु इसी बीच किसी एडवोकेट ने टेट रिजल्ट में हुई धांधली, व् निदेशक के जेल में होने की बात कही और कोर्ट को उस दिशा में ले जाने का प्रयास किया किन्तु इस मुद्दे को दीपक मिश्रा जी ने ही सुलझा दिया कि जो गलत है उसे हटा कर शेष पर ध्यान दीजिये।
लगभग 50-52मिनट हुई सुनवाई में उम्मीद लग रही थी कि आज ही याची राहत का स्पस्ट आदेश जारी हो किन्तु कोर्ट रूम में भारी भीड़, कुछ अधिवक्ताओं का गलत तरह से मुद्दों को उठाना व् आप लोगों का एक से अधिक याचिकाओं में होने से संख्या का ज्यादा प्रतीत होना कहीं न कहीं लगा कि कोर्ट असमंजस में थी किन्तु 7दिसम्बर व् 24फरबरी के आदेश के कम्प्लाइंस् हेतु गंभीर भी। इसके अतिरिक्त सरकार के लगातार आदेश के अनुपालन ना करने पर शक्त भी। इसके बाद कोर्ट ने एक बार फिर 7दिसम्बर2015 तथा 24फरबरी2016 के आदेश के अनुपालन का आदेश दिया तथा सरकार को एफिडेविट के माध्यम से सूचित करने के लिए कहा।
उक्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने शिक्षामित्र मामले की अगली तारिख 23नवम्बर लगाई तथा हमारे मुद्दे को इसके बाद सुनने की बात कही तब हमारे वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णन वेणुगोपाल जी ने पुनः टेट सर्टिफिकेट के वैद्यता को कोर्ट के संज्ञान में रखा। इसके बाद सुनवाई की अगली तिथि 5अक्टूबर निर्धारित की गयी।
दोस्तों, आज सकारात्मक पक्ष यह रहा कि 6माह के लम्बे अंतराल बाद अच्छी सुनवाई हुई और कोर्ट याची राहत मुद्दे पर सकारात्मक दिखी। यदि मैं व्यक्तिगत आंकलन करूँ को 24फरबरी को हमने यदि 80% याची राहत प्राप्त की थी तो आज यह बढ़कर 99% हो गयी है। यदि आगे भी अच्छी पैरवी की गयी तो सुखद परिणाम निश्चित ही हमें प्राप्त होगा।
दोस्तों, यहाँ एक बात ओर मैं आप सभी से कहना चाहूँगा कि याची राहत या RTEएक्ट के तहत रिक्त पदों पर योग्य शिक्षकों के चयन की माँग करके हम 72,825पदों से अतिरिक्त पदों की प्रार्थना कोर्ट से कर रहे है। यह कार्य एक विरोधी शक्तिशाली सरकार के विरुद्ध आसान कार्य नही है। अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए हमें अंत तक धैय बनाये रखना है कोर्ट भी अब केस को फाइनल करने की तरफ अग्रसर है।
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