Advertisement

शीर्ष कोर्ट की सुनवाई : NCTE को गाइड लाइन्स स्पष्ट करनी चाहिये थी

NCTE को गाइड लाइन्स स्पष्ट करनी चाहिये थी की उसने  टेट परीक्षा में बार बार एपियर हो कर अंक वृध्दि की बात क्यों लिखी , और राज्य सरकार ने इस गाइड लाइन्स को क्यों नहीं समझा।
अगर इस गाइड लाइन्स में खामी थी तो फिर इसको संसोधित क्यों नहीं करवाया।
इसीको देखते हुए इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच ने टेट मार्क्स वेटेज को इग्नोर नहीं करने को बोला, लेकिन राज्य सरकार ने इसके बाद भी भर्ती में टेट वेटेज को स्पष्ट रूप से भर्ती में नहीं दिया,
पर ये माना जा रहा है कि  टेट पास वालों को भर्ती में मौका देते हुए न्यूनतम वेटेज दी गई है, जैसा की KVS,NVS,DSSSB इत्यादि की भर्तीयों में दीया गया था, और समानता के अधिकार का भी पालन किया, मसलन ctet और uptet की अन्य परीक्षाओं में मिले मार्क्स की तुलना सही नहीं है , एक परीक्षा में 45% पास हो रहे है तो दूसरी में 5%.
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news