शिक्षकों के कार्यभार पर असमंजस, कई जिलों में स्कूल आवंटन फंसा

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद वह शिक्षक जिनका हुआ है, उनके पास दूसरे जिले में कार्यभार ग्रहण का शनिवार को अंतिम दिन है। तमाम शिक्षकों ने स्थानांतरण में संशोधन चाहा है और प्रत्यावेदन परिषद मुख्यालय भेजा है उन्हें दूसरी सूची का बेसब्री से इंतजार है।
वहीं ऐसे शिक्षकों की भी संख्या कम नहीं है जिन्हें मन-माफिक जिला न मिलने पर तबादला छोड़ दिया है। कार्यमुक्त होकर कार्यभार ग्रहण करने को लेकर इन दिनों तरह-तरह की चर्चाओं का दौर तेज है।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का तीन वर्ष बाद हुआ है। इसमें 15078 शिक्षकों को दूसरे जिले में जाने का मौका मिला है। हालांकि दर्जनों शिक्षकों ने हेराफेरी करके तबादला गांव से शहर में करा लिया था उनका आवेदन निरस्त होगा। शेष शिक्षकों को 10 सितंबर तक कार्यभार ग्रहण का समय दिया गया था। इसी बीच उन शिक्षकों ने परिषद को प्रत्यावेदन भी दिया है जिनका स्थानांतरण किन्हीं वजहों से नहीं हो सका है। इसमें ऐसे शिक्षकों की भरमार है जो जिले में संशोधन चाहते हैं। संशोधन वाले शिक्षक कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण करने को लेकर पशोपेश में है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि जिस जिले के लिए निर्देश हुआ है वहां जाएं या फिर संशोधन की राह देखें। यदि तबादले वाले जिले में जाते हैं तो फिर संशोधन होगा या नहीं, यदि नहीं जाते हैं तो यह आदेश की अवज्ञा होगी। वहीं कुछ बीएसए ने कहा कि जो शिक्षक कार्यभार नहीं ग्रहण करेंगे उनका तबादला निरस्त माना जाएगा।
वहीं कुछ जिलों में प्रमोशन व डिमोशन को लेकर कार्यमुक्त करने में विलंब हो रहा है। उधर, परिषद मुख्यालय ने दूसरी सूची और प्रत्यावेदन में जिलों का संशोधन करने पर पत्ते नहीं खोले हैं। दूसरी सूची कब तक जारी होगी यह अभी स्पष्ट नहीं है। वहीं तबादले में संशोधन पर यह जरूर कहा जा रहा है सभी शिक्षकों का तबादला उनके दिये गए विकल्पों के आधार पर हुआ है।
कई जिलों में स्कूल आवंटन फंसा
अंतर जिला तबादले पर आए शिक्षकों को कई जिलों में स्कूलों का अभी आवंटन नहीं हो सका है। बीएसए दूसरी सूची जारी होने की राह देख रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि बांदा, कानपुर देहात, मैनपुरी, फरुखाबाद व सुलतानपुर आदि में आवंटन की प्रक्रिया बेहद धीमी है।

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