शिक्षामित्र केस की आगामी सुनवाई अब 7 अप्रैल 2017 के स्थान पर 11 अप्रैल 2017 को शो हो रही है इस पर जितेंद्र शाही का स्पष्टीकरण

मित्रों जैसा कि आप जान चुके हैं कि अपने केस की आगामी सुनवाई अब 7 अप्रैल 2017 के स्थान पर 11 अप्रैल 2017 को शो हो रही है। इसको देखते ही अनेक संगठनों एवं टीमों ने आप लोगों को डराना और भ्रमित करना शुरू कर दिया है।
और धन उगाही के लिए तरह-तरह की भयावह पोस्टें लिख रहे हैं कि सहयोग न किया तो यह हो जाएगा, वो हो जाएगा, कुछ ने तो यहाँ तक लिख दिया कि  सहयोग न किया तो बर्बाद हो जाओगे।
मित्रों इस संबंध में आपको सत्यता बताना चाहते हैं कि आगामी 11 अप्रैल को सुनवाई होने के बहुत कम चांस है। उसकी मुख्य वजह है कि जस्टिस खानविल्कर जी अभी भी बैंच में मौजूद हैं जो हमारा केस को नहीं सुनना चाहते हैं। और उम्मीद है कि 11 अप्रैल को भी वह बेंच में मौजूद रहेंगे। इसलिए केस की सुनवाई हो पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगी।
इसी के साथ दूसरा कारण यह है कि अभी सरकार का गठन हुआ है और सरकार के गठन के बाद यह पहली तारीख है। और आप सभी बुद्धिजीवी वर्ग से हैं तथा भली-भांति जा जानते हैं कि सरकार माननीय हाईकोर्ट और माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपने वकील अवश्य बदलेगी। और इसलिए 11 को सरकार भी सुनवाई कराना नहीं चाहेगी। और कम से कम एक बार डेट लेना अवश्य चाहेगी।
इसलिए मित्रों आप लोग परेशान न हों। लगातार कोई बहस नहीं होगी। आप लोगों का भविष्य सुरक्षित रहेगा। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन कभी भी आपको भ्रमित करके या आपको डराकर सहयोग नहीं चाहता है. बल्कि आपकी स्वेच्छा से चाहता है।
हमने तो आपको पहले ही बताया था कि यदि 7 अप्रैल 2017 को डेट लगती है तो हमारी तरफ से दुनिया के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे जी मौजूद रहेंगे। इसलिए हम तो यह चाहते थे कि 7 अप्रैल को ही डेट लगे। लेकिन दुर्भाग्यवश डेट 11 अप्रैल शो हो रही है। इसलिए हरीश साल्वे जी से भी दोबारा बात करना पड़ेगी कि वह 11 अप्रैल को मौजूद रहेंगे अथवा नहीं?  क्योंकि हमारे संगठन की तरफ से हरीश साल्वे जी की फीस का ₹1000000/- (दस लाख) का DD उनके जूनियर वकील के एल जनजानी जी के पास मौजूद है। जिसमें दो लाख का DD जनपद लखीमपुर और 8 लाख का संगठन की तरफ से दिया गया था। लेकिन यदि वह मौजूद नहीं भी रहे तो आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से और अन्य वरिष्ठ वकील उतारकर आपके भविष्य को सुरक्षित किया जाएगा।
मित्रों एक बार फिर आप से कहना चाहते हैं कि यह बात सही है कि आपके सहयोग के बिना कोई सफलता नहीं मिल सकती। परंतु डराकर नहीं, धमकाकर नहीं, भ्रमित करके भी नहीं, बल्कि आपकी सोच पर निर्भर करता है कि आप कैसे सहयोग करेंगे और आपको किस संगठन पर विश्वास है। इसलिए हम आपसे निवेदन करते हैं कि यदि आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की कार्य शैली पर आपको विश्वास है तो आप लोग अवश्य सहयोग करें। और सहयोग केवल जिला पदाधिकारियों के माध्यम से अथवा संगठन के ही खाते में ही करें। और हतोत्साहित व भ्रमित करने वालों से सावधान रहें।

इसी के साथ......

जय शिक्षक.....
जय शिक्षा मित्र.....

आपका,
जितेंद्र शाही,
विश्वनाथ सिंह कुशवाहा,

लेखक,
सय्यद जावेद मियाँ,
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश।

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