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दोहरी नियुक्ति का लाभ पाने वाली शिक्षिका कार्यमुक्त, वेतन रोका

मथुरा। हिन्दुस्तान संवाद । पिता की मृत्यु के बाद दोहरी नियुक्ति का लाभ पाने वाली शिक्षिका को कार्यमुक्त कर दिया गया है। उसका वेतन भी रोक दिया गया है। उससे पुन: स्पष्टीकरण मांगा गया है, लेकिन उसका जवाब अभी नहीं मिला है। पहले स्पष्टीकरण में शिक्षिका ने विभाग को कठघरे में खड़ा किया है।
विकास खंड सिकंदराराऊ अलीगढ़ (अब हाथरस) के प्राथमिक विद्यालय उमरावपुर में सहायक अध्यापक घासीराम की मृत्यु के बाद पुत्र सुरेश शर्मा ने 19 अगस्त 1985 को मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाई थी। आठ साल बाद घासीराम की पुत्री ममतेश ने भी मृतक आश्रित कोटे में नौकरी को आवेदन किया और चार अप्रैल 1994 में नियुक्ति हो गई। दरबै, मांट निवासी बाबूलाल पुत्र प्यारेलाल की शिकायत पर शुरू हुई जांच में हाथरस के शिक्षाधिकारियों ने ममतेश द्वारा दोहरी नियुक्ति का लाभ पाना सही पाया। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में ममतेश हाथरस से स्थानांतरित होकर मथुरा आ गईं। वर्तमान में उनकी तैनाती पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुरीर में है।

बीएसए शौकीन सिंह यादव ने 22 फरवरी को शिक्षिका को नोटिस भेजा। इसमें कहा कि शिक्षिका ने कागजातों में हेर-फेर कर, विभाग को गुमराह करके धोखाधड़ी से मृतक आश्रित कोटे में दोहरी नियुक्ति का लाभ प्राप्त किया है। बीएसए ने शिक्षिका से एक हफ्ते में स्पष्टीकरण मांगा था, अन्यथा की स्थिति में एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी थी जबकि जवाब में शिक्षिका ने कहा कि दोहरी नियुक्ति की जानकारी नहीं थी। शिक्षा विभाग को नियम पता थे तो नौकरी क्यों दी। इसके बाद बीएसए ने एबीएसए को पत्र लिखकर शिक्षिका को कार्यमुक्त करने के आदेश निकाल दिए। वेतन रोकने का भी आदेश जारी हुआ है। बीएसए ने शिक्षिका से पुन: स्पष्टीकरण मांगा है, लेकिन जवाब नहीं मिला है। एबीएसए गौतम प्रसाद ने बताया कि कार्यमुक्त के संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक को अवगत करा दिया है। शिक्षिका को पहला नोटिस देने के बाद ही वेतन रोक दिया गया था।
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