सहायक अध्यापक भर्ती रोकने पर फैसला सुरक्षित, बेसिक शिक्षा परिषद ने मौखिक आदेश पर रोकी थीें नियुक्तियां

इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती को बीच में रोकने की सुनवाई पूरी हो गई है। बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोकने के प्रदेश सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित भी कर लिया है।

नियुक्तियां रोकने के आदेश को हाईकोर्ट में नीरज कुमार पांडेय आदि ने चुनौती दी थी। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।1याचिका पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सुनवाई की है। याची के अधिवक्ता ने बताया कि 23 मार्च 2017 को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने एक आदेश जारी कर सहायक अध्यापकों की सभी नियुक्ति प्रक्रिया रोक दिया था। इस आदेश से जूनियर हाईस्कूलों में गणित-विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती, 16448 प्राथमिक स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती और 12407 सहायक अध्यापक भर्ती सहित कई नियुक्तियां रोक दी गई। याचिका दाखिल कर कहा गया कि बिना कोई कारण बताए नियुक्ति प्रक्रिया रोकी गई है, जबकि इन नियुक्तियों को लेकर न तो कोई विवाद था और न ही इनमें कोई असांविधानिकता सामने आई है। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा था। 1सचिव ने अपने हलफनामे में बताया कि प्रदेश सरकार के मौखिक आदेश पर उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया रोकने का आदेश जारी किया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि कौशल्या देवी जायसवाल इंटर कालेज की याचिका में प्रमुख सचिव ने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि सरकार ने कोई नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रोकी है। इसके तत्काल बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग में चयन परिणाम घोषित कर दिया गया। मौखिक आदेश से किसी भी भर्ती आयोग या बोर्ड को चयन प्रक्रिया रोकने का आदेश नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

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