आगरा। सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्र परेशान हैं। लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में सत्याग्रह के बाद शिक्षामित्रों से सीएम योगी आदित्यनाथ ने वार्ता की। तीन दिन का समय मांगा।
शिक्षामित्रों की समस्या का निस्तारण करने के लिए एक कमेटी गठित कर दी, जिसके बाद शिक्षामित्र आंदोलन समाप्त कर काम पर लौट आए, लेकिन अब इंतजार था, सोमवार यानि 28 अगस्त का। इस तारीख को शिक्षामित्रों को फिर से लखनऊ जाना है।
राहत की उम्मीद
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार से सभी शिक्षामित्रों को राहत की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल को सीएम योगी से आश्वासन मिला था, जिसके बाद शिक्षामित्रों ने सत्याग्रह आंदोलन समाप्त किया और काम पर वापस लौट आए। उन्होंने बताया कि योगी सरकार आश्रम पद्धति विद्यालयों में उन्हें भेज दे या फिर उनके लिए समान वेतन, समान पद की व्यवस्था करे। उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने आश्वासन दिया है, कि उनके साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा।
सोमवार को बैठक
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि सोमवार को तीन दिन पूरे हो रहे हैं। शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों से मिलने के लिए लखनऊ जा रहा है। इस बैठक के बाद पता चल जाएगा, कि योगी सरकार ने शिक्षामित्रो के लिए क्या व्यवस्था की है। उन्होंने आगरा के सभी 2700 शिक्षामित्रों से अपील की है, कि धैर्य रखें, सेामवार तक का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनके बारे में कुछ अच्छा फैसला नहीं लेती है, तो ये आंदोलन दोबारा भी शुरू किया जा सकता है।
गठित की गई थी कमेटी
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी और लखनऊ के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा की सदस्यता में कमेटी गठित की थी। कमेटी तीन दिन में शिक्षा मित्रों की मांग पर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद शिक्षामित्रों के भाग्य का फैसला होगा।
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शिक्षामित्रों की समस्या का निस्तारण करने के लिए एक कमेटी गठित कर दी, जिसके बाद शिक्षामित्र आंदोलन समाप्त कर काम पर लौट आए, लेकिन अब इंतजार था, सोमवार यानि 28 अगस्त का। इस तारीख को शिक्षामित्रों को फिर से लखनऊ जाना है।
राहत की उम्मीद
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार से सभी शिक्षामित्रों को राहत की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल को सीएम योगी से आश्वासन मिला था, जिसके बाद शिक्षामित्रों ने सत्याग्रह आंदोलन समाप्त किया और काम पर वापस लौट आए। उन्होंने बताया कि योगी सरकार आश्रम पद्धति विद्यालयों में उन्हें भेज दे या फिर उनके लिए समान वेतन, समान पद की व्यवस्था करे। उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने आश्वासन दिया है, कि उनके साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा।
सोमवार को बैठक
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि सोमवार को तीन दिन पूरे हो रहे हैं। शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों से मिलने के लिए लखनऊ जा रहा है। इस बैठक के बाद पता चल जाएगा, कि योगी सरकार ने शिक्षामित्रो के लिए क्या व्यवस्था की है। उन्होंने आगरा के सभी 2700 शिक्षामित्रों से अपील की है, कि धैर्य रखें, सेामवार तक का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनके बारे में कुछ अच्छा फैसला नहीं लेती है, तो ये आंदोलन दोबारा भी शुरू किया जा सकता है।
गठित की गई थी कमेटी
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी और लखनऊ के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा की सदस्यता में कमेटी गठित की थी। कमेटी तीन दिन में शिक्षा मित्रों की मांग पर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद शिक्षामित्रों के भाग्य का फैसला होगा।
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