शासन ने शिक्षामित्रों के खिलाफ अब कड़ा रुख अख्तियार कर
लिया है। इसके तहत सभी समायोजित सभी शिक्षामित्रों की विद्यालयों में
उपस्थिति का विवरण मांगा है। इसे लेकर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है,
क्योंकि आंदोलन के दौरान शिक्षामित्रों के विद्यालय नहीं आने के बावजूद
प्रधानाध्यापकों ने शिक्षामित्रों को रिकॉर्ड में उपस्थित दर्शा दिया है।
समायोजित शिक्षामित्रों की उपस्थिति
की जानकारी के लिए पूर्व से ही शासन द्वारा प्रतिदिन रिपोर्ट मांगी जा रही
थी। विभाग द्वारा इस संबंध में लगातार शिक्षामित्रों की उपस्थिति एवं
अनुपस्थिति की रिपोर्ट भी भेजी जा रही थी। अब जब शिक्षामित्रों ने अपनी
मांगों को लेकर आंदोलन बंद कर दिया है तो एक बार फिर शासन इस मुद्दे पर
गंभीर हो गया है।
शासन ने अब बेसिक शिक्षा अधिकारी रेखा सुमन से प्रतिनिधि की वास्तविक स्थिति का सत्यापन कराकर शिक्षामित्रों की उपस्थिति रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी रेखा सुमन ने शिक्षामित्रों की सत्यापित रिपोर्ट भेजे जाने के खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। बीएसए के आदेश के बाद शिक्षामित्रों की उपस्थिति को लेकर सातों ब्लॉकों एवं नगर क्षेत्र के बीईओ ने एनपीआरसी के माध्यम से हर स्कूल का सत्यापन कर शिक्षामित्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
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शासन ने अब बेसिक शिक्षा अधिकारी रेखा सुमन से प्रतिनिधि की वास्तविक स्थिति का सत्यापन कराकर शिक्षामित्रों की उपस्थिति रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी रेखा सुमन ने शिक्षामित्रों की सत्यापित रिपोर्ट भेजे जाने के खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। बीएसए के आदेश के बाद शिक्षामित्रों की उपस्थिति को लेकर सातों ब्लॉकों एवं नगर क्षेत्र के बीईओ ने एनपीआरसी के माध्यम से हर स्कूल का सत्यापन कर शिक्षामित्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
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