आगरा। सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्र का बड़ा आंदोलन हुआ। लखनउ से लेकर दिल्ली तक शिक्षामित्रों ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और केन्द्र की सरकार को अपनी मांग मनवाने के लिए खूब प्रयास किया, लेकिन फायदा कुछ भी नहीं निकला।
अब आंदोलन तो समाप्त हो गया, लेकिन शिक्षामित्रों ने अभी भी कलमबंद हड़ताल जारी रखी है। शिक्षामित्र स्कूल तो पहुंच रहे हैं, लेकिन कलम नहीं उठा रहे।
बांधी ली काली पट्टी
शिक्षामित्र हाथों में काली पट्टी बांधकर अब स्कूल में नजर आते हैं। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्र पठन पाठन से दूर हैं। कोई भी शैक्षणिक कार्य न कराते हुए शिक्षामित्र अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि वाराणसी रैली में किया गया वायदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूल चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ भी शिक्षामित्र के लिए आगे बढ़कर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में शिक्षामित्रों की केन्द्र और यूपी की सरकार से हर मदद की आस तो टूट गई है, लेकिन हौशला नहीं टूटा है। इसलिए शिक्षामित्र कलम बंद हड़ताल जारी रहेगा। और ये हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक शिक्षामित्र साथियों को न्याय नहीं मिल जाता है।
महिला शिक्षामित्रों को किया जा रहा परेशान
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि महिला शिक्षामित्रों को परेशान किया जा रहा है। एनपीआरसी द्वारा जो महिलाएं मातृत्व एवं प्रसूति अवकाश पर हैं, उनसे कहा जा रहा है कि उनका समायोजन रद्द हो चुका है, अब आप शिक्षामित्र हो, जब तक शासन से इस प्रकार का कोई आदेश नहीं आता है, उससे पहले आप किसी भी अवकाश निरस्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आज भी हम जहां नियुक्त हैं, उसी पद पर तथा उपस्थित पंजिका में हस्ताक्षर कर रहे हैं और फिर ये अधिकार तो संविदा कर्मियों को भी प्राप्त है। यदि किसी के साथ ज्यादती की गई, तो आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्याय न मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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अब आंदोलन तो समाप्त हो गया, लेकिन शिक्षामित्रों ने अभी भी कलमबंद हड़ताल जारी रखी है। शिक्षामित्र स्कूल तो पहुंच रहे हैं, लेकिन कलम नहीं उठा रहे।
बांधी ली काली पट्टी
शिक्षामित्र हाथों में काली पट्टी बांधकर अब स्कूल में नजर आते हैं। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्र पठन पाठन से दूर हैं। कोई भी शैक्षणिक कार्य न कराते हुए शिक्षामित्र अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि वाराणसी रैली में किया गया वायदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूल चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ भी शिक्षामित्र के लिए आगे बढ़कर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में शिक्षामित्रों की केन्द्र और यूपी की सरकार से हर मदद की आस तो टूट गई है, लेकिन हौशला नहीं टूटा है। इसलिए शिक्षामित्र कलम बंद हड़ताल जारी रहेगा। और ये हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक शिक्षामित्र साथियों को न्याय नहीं मिल जाता है।
महिला शिक्षामित्रों को किया जा रहा परेशान
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि महिला शिक्षामित्रों को परेशान किया जा रहा है। एनपीआरसी द्वारा जो महिलाएं मातृत्व एवं प्रसूति अवकाश पर हैं, उनसे कहा जा रहा है कि उनका समायोजन रद्द हो चुका है, अब आप शिक्षामित्र हो, जब तक शासन से इस प्रकार का कोई आदेश नहीं आता है, उससे पहले आप किसी भी अवकाश निरस्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आज भी हम जहां नियुक्त हैं, उसी पद पर तथा उपस्थित पंजिका में हस्ताक्षर कर रहे हैं और फिर ये अधिकार तो संविदा कर्मियों को भी प्राप्त है। यदि किसी के साथ ज्यादती की गई, तो आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्याय न मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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