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फ़र्ज़ी डिग्री के आरोपी शिक्षकों को मिलता रहेगा पूरा वेतन, हाईकोर्ट के निर्देश के अनुपालन में दिया आदेश

हाथरस: वर्ष 2005 की बीएड की डिग्री से शिक्षक बनने का मामला
कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग को हटानी होगी वेतन पर लगी रोक

दो शिक्षकों की टेट पर संदेह वेतन रोकने का आदेश
जांच में फंसे वर्ष 2005 की बीएड डिग्री वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को अब वेतन मिलेगा। कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग को वेतन पर लगी रोक हटानी होगी।डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से वर्ष 2005 में बीएड की डिग्री हासिल करने वाले तमाम शिक्षक एसआईटी की जांच में फंसे हैं। ऐसे 60 शिक्षकों की डिग्री फेक व टेम्पर्ड होने की पुष्टि होने के बाद विभाग द्वारा वेतन पर रोक लगाते हुए शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इस बीच कुछ शिक्षक कोर्ट चले गए। जहां पर शिक्षकों को वेतन पर लगी रोक हटाए जाने से राहत मिल गई है। कोर्ट के आदेश का संज्ञान लेते हुए बीएसए ने सभी शिक्षकों के वेतन पर लगी रोक हटाने का निर्णय लिया है।

फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों के वेतन पर लगी रोक जांच चलने तक हटा दी जाएगी। जांच पूरी होने के बाद विभाग कार्रवाई करेगी। रेखा सुमन, बीएसए

हाथरस हिन्दुस्तान संवादबेसिक शिक्षा विभाग के दो शिक्षकों की टेट परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई है। दोनों शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाते हुए बीएसए ने स्पष्टीकरण मांगा है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के जूनियर स्कूलों में हुई गणित विज्ञान शिक्षक भर्ती में दो शिक्षकों की टेट परीक्षा संदेह के घेरे में है। ऑनलाइन किए गए वेरीफिकेशन में नवीन कुमार पाठक उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला महारी सिकन्दराराऊ का टेट परीक्षा का रिकॉर्ड फाउंड नहीं हो रहा है। इसके अलावा सहपऊ के रसगवां के जूनियर स्कूल में तैनात सहायक अध्यापक नितेश सिंह के टेट परीक्षा के ऑनलाइन सत्यापन में दूसरे का नाम सामने आ रहा है। बीएसए रेखा सुमन ने बतीया कि दोनों शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।


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