ज्ञानपुर। जिले के 317 शिक्षामित्र पांच महीने से मानदेय के लिए परेशान
हैं। शिक्षक पद पर हुआ समायोजन सुप्रीम कोर्ट से रद होने के बाद अपने मूल
पद पर लौटे शिक्षामित्रों को अभी तक मानदेय नहीं मिलने से उनके सामने
आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नियुक्त किए गए 317 शिक्षामित्र मानदेय के लिए बीसए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में कुल 872 शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से 317 शिक्षामित्रों की नियुक्ति बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से की गई है। शेष 555 शिक्षामित्र सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियुक्त किए हैं। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहायक अध्यापक बने 872 शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को 10000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का आदेश जारी किया। इस आदेश के बाद सर्व शिक्षा अभियान के 555 शिक्षामित्रों को तो मानदेय मिल गया मगर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नियुक्त किए गए 317 शिक्षामित्रों को अभी तक मानदेय नहीं मिला है। अब ये शिक्षामित्र पांच महीने से मानदेय के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।
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बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नियुक्त किए गए 317 शिक्षामित्र मानदेय के लिए बीसए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में कुल 872 शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से 317 शिक्षामित्रों की नियुक्ति बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से की गई है। शेष 555 शिक्षामित्र सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियुक्त किए हैं। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहायक अध्यापक बने 872 शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को 10000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का आदेश जारी किया। इस आदेश के बाद सर्व शिक्षा अभियान के 555 शिक्षामित्रों को तो मानदेय मिल गया मगर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नियुक्त किए गए 317 शिक्षामित्रों को अभी तक मानदेय नहीं मिला है। अब ये शिक्षामित्र पांच महीने से मानदेय के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।
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