ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े
डिग्री कॉलेजेस में जारी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को तत्काल रोके जाने और
समूची भर्ती को कैंसिल किए जाने की मांग छात्रों ने पुरजोर ढंग से उठाई
है।
उच्च शिक्षा उत्थान मंच की अगुवाई में लामबंद छात्र- छात्राओं के ग्रुप ने इसके लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, एमएचआरडी मंत्री, सीबीआई निदेशक नई दिल्ली आदि को विस्तृत शिकायती पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया शुरु से ही विवादों में रही है।
छीना जा रहा है आम छात्रों का हक
पत्र में कहा गया है कि शिक्षक भर्ती में धांधली की शिकायत विवि आई यूजीसी की टीम, मंत्रालय और राष्ट्रपति तक की गयी है। फिर भी भर्ती का जारी रहना संदेह पैदा करता है। सवाल उठाया गया है कि जब विवि की उच्च स्तरीय जांच करवायी जा रही है तो कॉलेजेस क्यों भर्ती को लेकर इतनी हड़बड़ाहट में लगातार मनमानी नियुक्ति कर रहे हैं? छात्रों ने कटाक्ष किया है कि जो भ्रष्टाचार कर रहा है, वहीं जांच करवाने की नौटंकी भी कर रहा है। मंच से जुड़े छात्रों का कहना है कि नियुक्तियां सिर्फ प्रभावशाली अभ्यर्थियों की ही की जा रही है। जिससे आम छात्रों का हक छीना जा रहा है।
धांधली न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती
छात्रों का कहना है कि भर्ती में अनियमितता के चलते सत्य के प्रति न्याय और निष्ठा को लेकर उनका विश्वास कमजोर होता जा रहा है। पूरी धांधली न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती बनती जा रही है। कहा है कि यदि भर्ती को शीघ्रता से नहीं रोका गया तो इतिहास में भ्रष्टाचार की एक नई इबारत लिखी जायेगी। पत्र भेजने वालों में मंच से जुड़े चन्द्रेश पांडेय, महेन्द्र, सोनल मौर्या, अवनीश, आरसी मिश्र आदि शामिल हैं।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
उच्च शिक्षा उत्थान मंच की अगुवाई में लामबंद छात्र- छात्राओं के ग्रुप ने इसके लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, एमएचआरडी मंत्री, सीबीआई निदेशक नई दिल्ली आदि को विस्तृत शिकायती पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया शुरु से ही विवादों में रही है।
छीना जा रहा है आम छात्रों का हक
पत्र में कहा गया है कि शिक्षक भर्ती में धांधली की शिकायत विवि आई यूजीसी की टीम, मंत्रालय और राष्ट्रपति तक की गयी है। फिर भी भर्ती का जारी रहना संदेह पैदा करता है। सवाल उठाया गया है कि जब विवि की उच्च स्तरीय जांच करवायी जा रही है तो कॉलेजेस क्यों भर्ती को लेकर इतनी हड़बड़ाहट में लगातार मनमानी नियुक्ति कर रहे हैं? छात्रों ने कटाक्ष किया है कि जो भ्रष्टाचार कर रहा है, वहीं जांच करवाने की नौटंकी भी कर रहा है। मंच से जुड़े छात्रों का कहना है कि नियुक्तियां सिर्फ प्रभावशाली अभ्यर्थियों की ही की जा रही है। जिससे आम छात्रों का हक छीना जा रहा है।
धांधली न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती
छात्रों का कहना है कि भर्ती में अनियमितता के चलते सत्य के प्रति न्याय और निष्ठा को लेकर उनका विश्वास कमजोर होता जा रहा है। पूरी धांधली न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती बनती जा रही है। कहा है कि यदि भर्ती को शीघ्रता से नहीं रोका गया तो इतिहास में भ्रष्टाचार की एक नई इबारत लिखी जायेगी। पत्र भेजने वालों में मंच से जुड़े चन्द्रेश पांडेय, महेन्द्र, सोनल मौर्या, अवनीश, आरसी मिश्र आदि शामिल हैं।
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