इस दौरान वक्ताओ ने कहा कि एक के बाद एक शिक्षामित्र दम तोड़ रहे हैं लेकिन शासन स्तर से कोई ठोस निर्णय नहीं लियाजा रहा है कि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। शिक्षामित्रों के अनुभव को दरकिनार किया जा रहा है। इस मौके पर अमृतांशु यादव, विनय मालवीय, विनोद कुमार यादव, मनोज श्रीवास्तव, विनोद कुमार गौतम, महेश उपाध्याय आदि थे।
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