Random Posts

यूपी में एम शिक्षा मित्र एप की उठी मांग, ताकि सरकारी टीचर रहें नियंत्रण में

लखनऊ. मध्य प्रदेश में प्राइमरी शिक्षकों पर निगरानी रखने के लिए एम शिक्षा मित्र एप अनिवार्य कर दिया है। इस एप से सरकार, सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति से लेकर टीचरों की निगरानी भी करेगी।
इसके अलावा इस एप में सभी छात्रवृत्ति योजना, सूचना का अधिकार और अन्य योजनाओं की भी पूरी जानकारी होगी। मप्र में इस एप की लांचिग के बाद उप्र में भी इस ऐप को अनिवार्य किए जाने की मांग उठने लगी है। उप्र अभिभावक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि इस एप और इससे जुड़े नियमों को जल्द से जल्द उप्र में भी लागू किया जाए।
इंदौर से शुरू हुआ शिक्षा मित्र एप
गौरतलब है कि शिक्षा मित्र एप मप्र के सरकारी स्कूलों में टीचरों की निगरानी के उद्देश्य से बनाया गया था। इसे सबसे पहले 2015 में इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था। हालांकि बाद में इस एप में कई तकनीकी खामियों और शिक्षकों की शिकायतों के बाद बंद कर दिया गया था लेकिन अब इस एप का नया और बेहतर वर्जन लॉन्च किया गया है।
सब कुछ देखेगा ये एप
इस एप के पीछे सरकार का मकसद था कि सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की उपस्थिति अब ऑनलाइन ली जाएगी और उसके लिए इस एप का सहारा लिया जाएगा। इसके अलावा इस एप के जरिए ही छुट्टी के लिए आवेदन, प्रमोशन, क्रमोन्नति की अर्जी के साथ और भी अन्य सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाएगा।
सभी को एप डाउनलोड करना होगा अनिवार्य

मप्र में इस एप को डाउनलोड करना सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा। इस एप होम, शिक्षक, स्कूल, विद्यार्थी जैसे छह टैब होंगे। इसमें एक ज्ञानार्जन टैब भी होगा जिसमें शिक्षकों को ये भी बताना होगा कि वे किना पाठ बच्चों को पढ़ा चुके हैं और कितना बाकी है ये भी बताना होगा।
sponsored links:

No comments :

Post a Comment

Big Breaking

Breaking News This week