इलाहाबाद : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का गठन होते ही अधूरी पड़ी
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है।
परीक्षा समिति का कोरम पूरा होते ही विज्ञापन संख्या 46 के तहत भर्ती से
संबंधित प्रस्ताव बैठक में पास हो सकता है।
इस परीक्षा में कई ओएमआर शीट
पूरी तरह से खाली ही जमा कर दी थी
जिससे परीक्षा में धांधली की आशंका उत्पन्न हुई थी। आसार हैं कि परीक्षा समिति इस बारे में कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।
आयोग ने विज्ञापन संख्या 46 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों पर
भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई थी। परीक्षा में धांधली होने के आरोप तब
लगे जब कई अभ्यर्थियों की ओर से जमा ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिका) पूरी तरह
से खाली थी। यह बात ओएमआर शीट को स्कैन करने पर सामने आई थी। यह देख आयोग
के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था। तत्कालीन शासन ने उसी
दौरान लाल बिहारी पांडेय को आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। उत्तर
पुस्तिका को स्कैन करने का आयोग के कई अफसरों ने विरोध किया था जिससे आशंका
और भी बलवती हो गई कि दाल में कुछ काला है। यह भी बात चर्चा में आई थी कि
जितनी ओएमआर शीट खाली मिली है उनमें कई तो आयोग कर्मियों और अधिकारियों के
करीबियों की है। संभावना जताई गई कि मूल्यांकन से पहले इन ओएमआर शीट को
भरने की तैयारी थी। हालांकि ओएमआर शीट को स्कैन कराने से आयोग में विवाद
गहरा गया था। फिलहाल इसे गोपनीय मामला बताते हुए अफसरों ने पूरे राज को दफन
करने की कोशिश भी की। पिछले साल प्रदेश में बनी भाजपा सरकार ने परीक्षाओं
में धांधली की शिकायतों पर ही आयोगों से चल रही परीक्षा प्रक्रियाओं पर रोक
लगा दी थी।
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