नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड () के
उस फैसले को रद कर दिया है जिसमें उसने द्वारा संचालित स्कूलों में किताबों
और स्कूल वर्दी को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली
की एकल पीठ ने द्वारा जारी एक अप्रैल 2017 के फैसले को रद कर दिया है
जिसमें स्कूलों में किताबों, स्टेशनरी, वर्दी और स्कूल बैग को नहीं बेचने
की सलाह दी गई थी। शिक्षा के व्यवसायीकरण के सवाल से निपटने के लिए कोर्ट
ने कहा कि स्कूल परिसर में एनसीईआरटी, गैर एनसीईआरटी की किताबों, स्टेशनरी
आइटम और वर्दी का मिलना सुविधाओं में इजाफा ही होगा। कोर्ट ने कहा कि
शिक्षा परिसरों में कुछ ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे स्कूल परिसर में ही
सभी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों। दरअसल के स्कूल परिसरों में बैन के
खिलाफ कॉपी-किताब बेचने वाले विक्रेताओं की एसोसिएशन ने दिल्ली हाई कोर्ट
में एक याचिका दायर की थी। लंबी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि केवल इस
आधार पर का यह फैसला कि बिक्री के लिए स्कूलों की दुकानों से खरीदने के लिए
छात्रों और उनके माता-पिता को मजबूर किया जा सकता है ये काफी तर्कहीन है।
sponsored links:
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की पहली किस्त अक्टूबर में, यह होगा सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य का मानदेय
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी