लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने विपक्ष की मांग को नकारते
हुए विधानसभा में कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता टेस्ट (टीईटी)
में कोई छूट नहीं दी जाएगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
अनुपमा जायसवाल ने सदन में कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार
काम करने के लिए बाध्य है। इसलिए 1.37 लाख शिक्षामित्रों को टीईटी में कोई
छूट नहीं दी जाएगी।
जायसवाल ने कहा कि 68500 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन दिए जा रहे
हैं। जून तक यह भर्तियां कर ली जाएंगी। इसके लिए 12 मार्च को परीक्षा होगी।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने शिक्षामित्रों को परीक्षा के 2 अवसर देने के
आदेश दिए हैं। भर्ती के लिए पहली परीक्षा जून में है। उन्हें स्थाई नौकरी
के लिए न्यायालय के आदेशानुसार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
विपक्ष का कहना था कि शिक्षामित्रों को टीईटी पास किए बगैर नियुक्ति दी
जाए। सपा के संजय गर्ग के सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री
(स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपए से बढ़ाकर
10 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया, लेकिन स्थाई नौकरी पाने के लिए उन्हें
टीईटी परीक्षा पास करनी होगी। न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि प्रशिक्षित
अध्यापकों की ही भर्ती की जाए।
कांग्रेस की अदिति सिंह के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सर्वशिक्षा
अभियान के तहत प्राथमिक स्कूलों के रखरखाव के लिए केन्द्र से 7500 रुपए
सालाना दिए जा रहे हैं। जायसवाल ने कहा कि रखरखाव के लिए मिलने वाली रकम की
सीमा बढ़ाने के लिए केन्द्र को पत्र लिखा जा रहा है।
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