इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में अर्हता अंकों
की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर 20वें व उसके बाद के संशोधन
से जुड़े कागजात तलब किए हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार
मिश्र ने मोहित, मनोज व अनिल वर्मा की याचिका पर दिया है। याचिका के अनुसार
याची शिक्षामित्र हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनका समायोजन रद्द करते हुए
उन्हें अर्हता प्राप्त करने के लिए दो अवसर दिए जाने को कहा है। इधर 68,500
सहाक अध्यापकों की भर्ती के लिए 20वां संशोधन कर न्यूनतम अर्हता अंक
अनिवार्य कर दिए गए हैं। सामान्य व अन्य पिछडा वर्ग के लिए यह 45 और
अनुसूचित जाति के लिए 40 अंक की है। याचियों का कहना है कि इससे वे परीक्षा
के पहले चरण में ही असफल हो जाएंगे और उन्हें दो अवसर मिलने को कोई औचित्य
नहीं रह जाएगा।
कई संशोधनों को कैनिबेट की मंजूरी
चीफ जस्टिस
की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष शिक्षक भर्ती से जुड़ी कुछ याचिकाओं पर
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कुछ संशोधनों को
कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। उन्हें जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।
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