निंदनीय
3 मई 2016 को जब इलाहाबाद में लाठीचार्ज हुआ था शिक्षा निदेशालय पर सपा सरकार के शासनकाल में तब भाजपा ने तीन सदस्यीय समिति का गठन करके उसकी जांच करवाई थी और आज खुद उन्होंने 3 मई 2018 को वही काम किया है वह सब सत्ता में आने के लिए था और सत्ता पाने के बाद यह तानाशाही पूर्ण रवैया भाजपा सरकार अपना रही है इसका जवाब 2019 में मिल जाएगा|
" संत न छोड़े संतई कोटिक मिले असंत, चंदन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग"
क्या वर्तमान में संत कि ये परिभाषा सही है यहां तो संत का तानाशाहीपूर्ण रवैया है हर एक लाठी का बदला 2019 में लिया जाएगा
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