यूपी सरकार शिक्षामित्रों पर मेहरबान हो गई है। अब उन्हें मूल नियुक्ति
वाले विद्यालय में भेजने का फरमान जारी कर दिया है। महिलाएं भी अपनी ससुराल
में अपना ट्रांसफर करा सकेंगी। पति-पत्नी दोनों शिक्षामित्र हैं तो वे एक
ही स्कूल या पड़ोस के स्कूल में भी ट्रांसफर हो सकेंगे। दो दिन के अंदर
शिक्षामित्रों को स्थानांतरण के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के आधार पर
जिला समिति इनके ट्रांसफर पर विचार करेगी।
तत्कालीन प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने का काम किया
था, लेकिन कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने इन्हें शिक्षक से वापस शिक्षामित्र
के पद पर तैनात कर दिया। तब से ये शिक्षामित्र शिक्षक के रूप में तैनाती
वाले उन्हीं विद्यालयों में काम कर रहे हैं। शिक्षामित्रों ने कई बार सरकार
से इस बात की गुहार लगाई थी कि जब वह शिक्षक थे तो उन्हें वेतन भी शिक्षक
का मिलता था और वह अपने घर से ज्यादा दूरी के विद्यालयों में आसानी से
नौकरी करने चले जाते थे। परंतु शिक्षक से शिक्षामित्र बनने के बाद अब
उन्हें ज्यादा दूर के विद्यालयों में जाने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए
उन्हें मूल विद्यालयों में भेज दिया जाए।
सोमवार से शिक्षामित्रों से लिए जाएंगे आवेदन
मैनपुरी। हालांकि प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार
रुपये कर दिया है ताकि शिक्षामित्रों को राहत मिल सके। लेकिन अब सरकार ने
शिक्षामित्रों को मूल स्कूल में भेजे जाने की बात को मान लिया है। अब सभी
शिक्षामित्र अपने नियुक्ति वाले विद्यालयों में भेजे जा सकेंगे। महिलाएं भी
अपनी ससुराल वाले विद्यालय पा सकेंगी। बीएसए कार्यालय में सोमवार से आवेदन
का प्रारूप शिक्षामित्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। उस प्रारूप को भरकर
शिक्षामित्र जमा करेंगे। उसके बाद जिला समिति शिक्षामित्रों के ट्रांसफर पर
अंतिम निर्णय लेगी।
कोट
शिक्षामित्रों का जिले के ही विद्यालयों में समायोजन किया जाएगा। महिलाओं
को भी उनकी सहूलियत के आधार पर विद्यालय आवंटित करने का प्रयास होगा। सभी
शिक्षामित्र दो दिन में अपना आवेदन कर सकते हैं।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए
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