ऊंचागांव (बुलंदशहर): अधिकतर परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का
भविष्य भगवान भरोसे है। कहीं चपरासी के भरोसे स्कूल चल रहा है तो कहीं पर
बच्चों को ही खुद का भविष्य गढ़ने की जिम्मेदारी दी गई है। यह आलम खंड
शिक्षा अधिकारी कार्यालय में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिक्षकविहीन
का है। इसलिए बच्चों को पढ़ने और पढ़ाने की जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर छोड़
दी गई है।
सरकार परिषदीय स्कूलों की दिश और दशा को सुधारने में कोई कसर बाकी नहीं
छोड़ रही है। जिसमें स्कूल चलो अभियान व सर्व शिक्षा आदि अभियान चलाकर धन
को पानी की तरह बहा रही है। उसके बाद भी ऊंचागांव क्षेत्र की शिक्षा
व्यवस्था बदहाल होती जा रही है। शिक्षकों की कमी से जूझते स्कूलों में
पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। बीईओ कार्यालय
परिसर में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 84 बच्चे पंजीकृत हैं,
लेकिन उनकी बदनसीबी देखिए कि उन्हें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक तैनाती
नहीं है। बच्चे सुबह आते हैं और खुद ही पढ़ते हैं। मिड-डे मील खाकर घर लौट
जाते हैं।
इस विद्यालय की हालत से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब खंड
शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में स्थित विद्यालय की ये हालत है तो
क्षेत्र के दूर-दराज स्थित विद्यालयों की दशा क्या होगी। जबकि क्षेत्र के
ऐसे दर्जनों विद्यालय हैं जो शिक्षकविहीन हैं। इस संबंध में खंड शिक्षा
अधिकारी कुसुम सैनी से बात करने के लिए फोन मिलाया, लेकिन उन्होंने फोन
रिसीव नहीं किया।
बीएसए अम्बरीष कुमार ने बताया कि इस स्कूल में एक शिक्षामित्र तैनात
है। हो सकता है वह किसी मजबूरी में न आ रहा है, लेकिन समस्या गंभीर है। हर
हाल में जिले के सभी स्कूलों में पांच अगस्त तक शिक्षकों की कमी पूरी कर दी
जाएगी।
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