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शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हुए बीता एक साल, मुंडन और पिंडदान कर जताया विरोध

उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हुए एक साल गुजर गया. एकसाल में भी सरकार से राहत न मिलने के चलते शिक्षामित्रों ने बुधवार को ईको गार्डन में मुंडन कराकर और जनेऊ का त्याग कर अपना विरोध जताया.
वहीं दूसरी ओर शिक्षामित्रों के एक संगठन ने शहीद स्मारक पर जाकर अपने उन साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवन कराया, जिनकी इस एक साल में मौत हुई है. इसके साथ ही शिक्षामित्रों ने पिंडदान कर शवयात्रा भी निकाली.

ठीक 1 साल पहले 25 जुलाई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 1 लाख, 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने का आदेश दिया था. हालांकि इसका झटका कुल 1 लाख, 72 हजार शिक्षामित्रों को लगा था. तभी से लगातार शिक्षामित्र सरकार से समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर शिक्षामित्रों ने जहां बड़े धरना-प्रदर्शन किए, वहीं उप राष्ट्रपति से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री तक से मुलाकात की. उन्हें हर जगह से आश्वासन तो मिला लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिल पाई.
इसी क्रम में बुधवार को शिक्षामित्रों ने समायोजन रद्द होने का एक साल पूरा होने पर काला दिवस मनाया. ईको गार्डन में सर मुंडवाने की शुरुआत महिला शिक्षामित्रों ने की. इसके बाद पुरुष शिक्षामित्रों ने भी बड़ी संख्या में सर मुंडवाए. शिक्षामित्रों ने इस दौरान सरकार के लिए अपनी नाराजगी जताई. शिक्षामित्रों को कहना है कि जब तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकलता तब तक उनको समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए.

मरने वाले 700 शिक्षामित्रों के परिवार को आर्थिक सहायता दे सरकार

इसके अलावा शिक्षामित्र कुछ अन्य प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी शिक्षामित्रों के लिए शिक्षा कर्मी का पद सृजित कर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. शिक्षामित्रों का कहना है कि एक साल में उनके 700 से अधिक साथियों की मौत हो चुकी है. सरकार उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी. शिक्षामित्रों ने इस मौके पर कहा कि उनकी मांगें पूरी न हुई तो आगे बड़ा आंदोलन होगा.

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