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मायावती और अखिलेश शासनकाल की भर्तियों में गड़बड़ी का राजफाश

इलाहाबाद (जेएनएन)। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने अखिलेश यादव व मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल में भर्तियों में गड़बडिय़ों का बड़ा राजफाश किया है।
2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक (टीजीटी-पीटीजी) के ऐसे विषयों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हुई, जो विषय ही प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में नहीं हैं। ताज्जुब है कि वर्ष 2013 के जीव विज्ञान स्नातक शिक्षक के पद पर 187 अभ्यर्थियों का चयन करके कालेजों में भेजा गया। उनमें से अधिकांश ने बिना पद के ही ज्वाइन भी कर लिया है। इसी विषय में 2011 के 65 पदों की लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी होना है।
खेल उजागर 
  • माध्यमिक कालेजों में जो विषय नहीं, उनके 321 पदों का विज्ञापन जारी करके मांगे ऑनलाइन आवेदन 
  • प्रदेश भर के 69 हजार 297 अभ्यर्थी अधर में अटके, अब वह दूसरे विषयों के लिए कर सकेंगे आवेदन 
  • 27, 28 व 29 सितंबर को होने वाली 2016 की प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा स्थगित 
  • जीव विज्ञान नहीं फिर भी 2013 में 187 अभ्यर्थियों का चयन, इसी विषय में 2011 के 65 पदों का पेंच 
  • प्रवक्ता 2013 वनस्पति विज्ञान का इंटरव्यू पूरा, रिजल्ट रुका, चयन के लिए मांगी विधिक राय 
पांच नए विषयों का विज्ञापन 
ऐसे ही प्रवक्ता वनस्पति विज्ञान के पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है, इसके लिए विधिक राय मांगी जा रही है। वहीं, चयन बोर्ड ने 2016 में टीजीटी-पीजीटी के पांच नए विषयों का विज्ञापन निकालकर आवेदन लिए जो कालेजों में हैं ही नहीं। चयन बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल व उप सचिव नवल किशोर ने सख्त कदम उठाते हुए 2016 में टीजीटी-पीजीटी के आठ विषयों का विज्ञापन निरस्त कर दिया है। इनमें टीजीटी के छह विषयों में 318 व पीजीटी के दो विषयों के तीन पद हैं। इन 321 पदों के लिए प्रदेश भर के 69 हजार 297 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। अब वह अधर में अटक गए हैं। सचिव ने बताया कि टीजीटी के विषय यूपी बोर्ड के हाईस्कूल के व पीजीटी के विषय इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं है। ऐसे में इन विषयों के पदों पर चयन कैसे किया जा सकता है। टीजीटी जीव विज्ञान व पीजीटी वनस्पति विज्ञान विषय के घोषित पदों के लिए चयन 2011 व 2013 में भी हुआ है या चयन प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, 2016 में पांच नए विषयों का विज्ञापन जारी करके आवेदन लिए गए, जबकि ये विषय माध्यमिक कालेजों में नहीं है। इसीलिए आठ विषय के पदों को निरस्त करने का निर्णय किया गया है।
अभ्यर्थी अब अन्य विषयों में कर सकते हैं आवेदन 

सचिव ने बताया कि निरस्त होने वाले विषयों में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को अब यह अवसर दिया जा रहा है कि अपनी अर्हता के अनुसार विज्ञापित अन्य विषयों के पदों पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, इसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि निरस्त होने वाले विषय के अभ्यर्थी अन्य विषयों में ऑनलाइन आवेदन करने के इच्छुक नहीं होंगे तो पूर्व में जमा शुल्क वापस कर दिया जाएगा। यही नहीं सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों के दूसरे विषयों में आवेदन मान्य होंगे, जिनके विषय का विज्ञापन निरस्त हुआ है। अन्य अभ्यर्थियों ने जिन्होंने पहले आवेदन किया है उन्हें दोबारा आवेदन की आवश्यकता नहीं है, उनके आवेदन को वैध माना जा रहा है।
लिखित परीक्षा दूसरी बार स्थगित 

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा दूसरी बार स्थगित हो गई है। सचिव ने बताया कि अब आठ विषयों का दोबारा ऑनलाइन आवेदन लेने के कारण 27, 28 व 29 सितंबर को होनी वाली लिखित परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसकी नई तारीखें जल्द घोषित होंगी। ज्ञात हो कि इसके पहले 2016 अक्टूबर के चारों रविवार को परीक्षा का कार्यक्रम घोषित हुआ था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था।
चयन बोर्ड करेगा जांच, दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई 

सचिव ने बताया कि माध्यमिक कालेजों में जो विषय नहीं हैं, उनके पदों का विज्ञापन जारी करने व पूर्व के वर्षों में ऐसे ही कुछ विषयों के लिए अभ्यर्थियों का चयन करने की जांच चयन बोर्ड की ओर से गठित समिति करेगी। देखा जाएगा कि किन कालेजों ने इन विषयों का अधियाचन भेजा और जिला विद्यालय निरीक्षक व संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने उनका किन परिस्थितियों में सत्यापन कर दिया। जो भी दोषी होगा उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इन विषय व पदों का विज्ञापन निरस्त 
प्रशिक्षित स्नातक यानि टीजीटी 2016
विषय         पद         आवेदन
जीव विज्ञान  304         67005
संगीत        02            20
काष्ठ शिल्प  02            20
पुस्तक कला 08            502
टंकण        01            19
आशु. टंकण 01            18
कुल        318           67584
प्रवक्ता यानी पीजीटी 2016 
वनस्पति विज्ञान  02        1702
संगीत           01          11
कुल           तीन          1713


By Nawal Mishra

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