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शिक्षामित्र और अनुदेशकों का फीका रहेगा रक्षाबंधन

मैनपुरी। शासनादेश के तहत त्योहार वाले महीने में शिक्षकों तथा कर्मचारियों को त्योहार से पहले वेतन और मानदेय का भुगतान कर दिया जाए। लेकिन जनपद के शिक्षाधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शिक्षाधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का रक्षाबंधन का त्योहार फीका हो गया। उन्हें दो माह से मानदेय नहीं मिल सका है।
शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी त्योहार से पहले कर्मचारियों को वेतन व मानदेय उपलब्ध कराया जाए, लेकिन इसके बाद भी बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा का जनपद में बुरा हाल है। यहां काम करने वाले अधिकारी अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रहे हैं। जिसके चलते शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अनुदेशकों को समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मई के बाद मानदेय नहीं मिला है। जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। रक्षाबंधन का त्योहार उनका फीका हो गया है।

इसके पीछे खंड शिक्षाधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पता चलता है कि खंड शिक्षाधिकारियों ने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की जुलाई की उपस्थिति 23 अगस्त को ही उपलब्ध कराई। 24 को बीएसए के विभिन्न बैठकों में व्यस्त होने के कारण मानदेय बिल पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए। जिसके चलते धनराशि बैंकों में नहीं भेजी जा सकी। शनिवार को बैंकें बंद रहेंगी और शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का मानदेय नहीं मिल सकेगा।

मैनपुरी। रक्षाबंधन के त्योहार पर मानदेय न मिलने पर शिक्षामित्र और अनुदेशक नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। इसके लिए शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिला संयोजक विनीत प्रताप सिंह और जिला संगठन मंत्री अनुराग मिश्रा ने खंड शिक्षाधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में ऐसी लापरवाही की गई तो वे लोग उनके विरुद्ध आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

दूसरी तरफ डीआईओएस कार्यालय से संबंधित माध्यमिक शिक्षकों का भी रक्षाबंधन से पहले वेतन नहीं मिल सका है। जिसको लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कृष्णानंद दुबे ने नाराजगी जाहिर की है। कृष्णानंद दुबे ने कहा कि त्योहार पर शिक्षकों को वेतन न दिया जाना बहुत ही चिंता का विषय है।

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