इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में रजिस्ट्रार, परीक्षा
नियंत्रक और वित्त अधिकारी के पद पर भर्ती के लिए शुक्रवार (24 अगस्त) को
इंटरव्यू होना है। इन तीन पदों के लिए कुल 34 आवेदन आए हैं। कुछ
अभ्यर्थियों ने दो से तीन पदों के लिए आवेदन किए हैं।
ऐसे में अभ्यर्थियों
की संख्या आवेदन से कम है। हालांकि, इंटरव्यू से पहले ही इंटरव्यू की
प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि इन पदों पर
चयन पहले से तय है। इंटरव्यू सिर्फ दिखावे के लिए है।
शासन के निर्देश
पर एसटीएफ भी इस मामले की जांच शुरू कर चुकी है। इविवि प्रशासन शिक्षक
भर्ती और शिक्षणेत्तर अफसरों की भर्ती से पहले इंटरव्यू के लिए बुलाए जाने
वाले अभ्यर्थियों के नाम की सूची अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करता है, लेकिन
इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। इविवि प्रशासन ने अभ्यर्थियों के नाम
सार्वजनिक नहीं किए। आरोप लगाए जा रहे हैं कि पूर्व में कार्यवाहक
रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी संभाल चुके इविवि के एक प्रोफेसर को फिर से
रजिस्ट्रार बनाए जाने की तैयारी है। मौजूदा समय में यह प्रोफेसर एक
प्रशासनिक पद पर तैनात हैं और इनकी तैनाती को लेकर यूजीसी की टीम भी सवाल
उठा चुकी है। वहीं, शिक्षक संघ के एक पदाधिकारी को परीक्षा नियंत्रक बनाए
जाने की तैयारी चल रही है। दोनों ही आवेदन करने वालों में शामिल हैं।
उधर,
छात्र स्वतंत्रता संघर्ष समिति के अध्यक्ष जाबिर रजा के नेतृत्व में हुई
बैठक में छात्रों ने आरोप लगाए कि इविवि में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है
और 24 अगस्त को प्रस्तावित इंटरव्यू इसका जीता-जागता उदाहरण है। इविवि
प्रशासन छोटी-छोटी भर्तियों में अभ्यर्थियों के नाम सार्वजनिक करता है तो
इसमें अभ्यर्थियों के नाम क्यों छिपाए जा रहे हैं, यह बड़ा सवाल है।
छात्रों का आरोप है कि नाम सार्वजनिक हो गया तो सभी अभ्यर्थी इंटरव्यू के
लिए पहुंच जाएंगे और योग्य अभ्यर्थियों का चयन न होने पर इविवि प्रशासन पर
उंगली उठेगी। इसी वजह से नाम सार्वजनिक नहीं किए गए। मामले में इविवि के
पीआरओ प्रो. हर्ष कुमार का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं। अभ्यर्थियों की
संख्या कम थी, इसलिए वेबसाइट पर नाम नहीं दिए गए। अभ्यर्थियों को पंजीकृत
डाक और ईमेल के माध्यम से इंटरव्यू की सूचना दी गई है।
साक्षात्कार पर एसटीएफ की नजर
उधर
शुक्रवार को होने वाले साक्षात्कार पर एसटीएफ की नजरें भी जमी हुई हैं।
एसटीएफ सूत्रों की मानें तो फिलहाल टीम की नजर शुक्रवार को होने वाले
साक्षात्कार पर है। साक्षात्कार के बाद ही तय होगा कि मामले में की गई
शिकायत सही है या गलत। सूत्रों ने बताया कि किसी ने इविवि में भ्रष्टाचार
व्याप्त होने का आरोप लगाते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को शिकायत भेजी
थी। जिसके बाद मामले की जांच एसटीएफ को दी गई है। फिलहाल कई संदिग्ध नंबर
सर्विलांस पर लगाकर जांच की जा रही है। सीओ नवेंदु सिंह ने बताया कि जांच
की जा रही है।
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