- प्राइमरी CTET परीक्षा में बीएड को शामिल करने को लेकर CBSE और NCTE से जवाब तलब , शीघ्र होगा मुकदमे का निस्तारण :देखें आर्डर कॉपी
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- ध्यान दें:- 9 अगस्त को आप सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को आकस्मिक अवकाश लेकर धरने पर चलना है,औऱ हर हाल में MDM संख्या शून्य देना है
- CTET 2018: सीटीईटी में बीएड को मान्य न किए जाने पर विज्ञापन को चुनौती
- शिक्षामित्रों के मामले में बेसिक शिक्षा सचिव को अवमानना की नोटिस: स्पष्टीकरण न देने पर अगली सुनवाई के दिन कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश
- PCS-J 2018: पीसीएस जे परीक्षा 2018 का नोटिफिकेशन जल्द
- 15 जिलों में आधार नामांकन 70 फीसदी से कम, इन जिलों के बीएसए से माँगा स्पष्टीकरण
- शिक्षामित्रों की तैनाती व जिले के अंदर समायोजन पूरा नहीं
- जिले के अंदर समायोजन व स्थानांतरण में नई नीति की जगह शिक्षकों की मुराद पूरी
मोर्चा सरंक्षक शिव कुमार शुक्ला के अनुसार शिक्षामित्रों की मांग है कि 9 अगस्त 2017 को पारित अधिनियम में वर्णित अधिकारों से शिक्षामित्रों को शामिल किया जाए और उत्तराखंड की तर्ज पर उन्हें 4 साल की छूट दी जाए ताकि वह न्यूनतम आर्हताएं हासिल कर सकें। प्रदेश में कार्यरत समस्त शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर दोबारा बहाल होने तक समान कार्य, समान वेतन का लाभ दिया जाए। साथ ही उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के आधार पर 12 माह 62 वर्ष तक सभी शिक्षामित्रों को स्थायित्व दिया जाए। वार्ता में मोर्चा के संरक्षक शिव कुमार शुक्ला, प्रदेश संयोजक गाजी इमाम आला और सह सहंयोजक अनिल कुमार यादव संग श्याम दुबे के साथ पुनीत चौधरी, रमेश चन्द्र मिश्र, श्रीराम द्विवेदी और विनोद वर्मा शामिल रहे।
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