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एक और शिक्षामित्र ने चुनी मौत, शिक्षा अधिकारियों पर लगाया उत्पीडऩ का आरोप

कानपुर । सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद से आर्थिक तौर पर परेशान चल रहे एक और शिक्षामित्र ने मौत चुन ली। शनिवार सुबह उसे फांसी पर लटका देखकर परिजनों में कोहराम मच गया।
परिजन फंदे से उतारकर उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौके पर मिले सुसाइड नोट में उसने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर उत्पीडऩ व जबरन बीएलओ ड्यूटी कराने की बात लिखी है।
ग्राम नगला कायस्थान नौली निवासी पवन कुमार (31) पुत्र गोपीचंद्र प्राथमिक विद्यालय कसिया नंदपुर में शिक्षामित्र के पद पर तैनात था। सहायक अध्यापक पद का समायोजन निरस्त होने के बाद से वह परेशान रहता था। करीब चार माह से आर्थिक तंगी से भी जूझ रहा था। इस बीच उसकी ड्यूटी बीएलओ के तौर पर लगा दी गई और उसपर काम का बोझ बढ़ गया। शनिवार सुबह परिजनों ने उसे फांसी पर लटका देखा तो कोहराम मच गया।
पत्नी और मां हो गईं बदहवास
परिजन आनन फानन फंदे से उताकर उसे नगला दिलू स्थित अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। पत्नी ममता देवी व मां रामप्यारी बदहवाश सी हो गई। तलाशी में उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला। इसमें उसने बीईओ समेत तीन लोगों पर उत्पीडऩ करने व जबरन बीएलओ ड्यूटी कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार व्यास ने बताया परिजनों की तहरीर मिलने पर उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सुसाइड नोट में ये लिखा
पवन ने सुसाइड नोट में लिखा है-'मैं पवन कुमार बयां करता हूं कि मेरा घर में किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ है, न तो मेरी मौत का जिम्मेदार है, हम अपनी नौकरी से तंग आ गए थे और मेरी मौत का कारण शिक्षा विभाग है, जो एनपीआरसी महोई, बीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारी गलत तरीके से बीएलओ ड्यूटी जबरदस्ती कराने से आये दिन टारचर किए जाने से हमने सुसाइड किया है। जबकि इसकी कार्यवाही जिलाधिकारी ओर बीएसए को दी थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई.

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