Police Recruitment: सिपाही भर्ती 2011 में अधिकांश याचियों के आरोप निराधार

इलाहाबाद : पैरा मिलिट्री फोर्स में सिपाही भर्ती 2011 में चयन से वंचित जिन याचियों के प्रत्यावेदन एसएससी यानि कर्मचारी चयन आयोग को पुनर्विचार के लिए मिले हैं उनमें 99 फीसद को दोबारा निराश होना पड़ सकता है। एक ऐसा भी प्रकरण एसएससी के सामने आया है जिसमें याची अभ्यर्थी को नियुक्ति के लिए कोड तक
आवंटित हो चुका था लेकिन, वह दर-दर भटकता रहा और फिर इंसाफ पाने को हाईकोर्ट पहुंच गया। कुछ गिने चुने प्रत्यावेदनों को ही एसएससी ने चयन में गड़बड़ी पर विचार के लिए उपयुक्त पाया है। 1सिपाही भर्ती 2011 के निकले परिणाम पर आपत्ति जताते हुए चयन से वंचित तमाम अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर लंबी सुनवाई के बाद बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट ने 20 अगस्त को निर्देश दिया था कि याचियों के प्रत्यावेदन लेकर एसएससी उचित निर्णय ले। इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले बमुश्किल 15-20 अभ्यर्थियों को ही वास्तविक रूप से परिणाम में गड़बड़ी का अंदेशा था, एसएससी में प्राप्त प्रत्यावेदनों से यह पूरी तरह से स्पष्ट भी हुआ है, क्योंकि इतने ही प्रत्यावेदन में याचियों के अंक कटऑफ से अधिक होने पर तथ्यों की जांच का निर्णय लिया गया है, जबकि प्रत्यावेदनों की संख्या पांच सौ से अधिक है। एसएससी के मध्य क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक राहुल सचान का कहना है कि उपयुक्त पाए गए प्रत्यावेदनों के आधार पर प्रकरण की जांच हो रही है। यह देखा जा रहा है कि याचियों का चयन न होने के पीछे वास्तविक क्या कारण रहे। उन्होंने चयनित और फिर नियुक्ति न लेने वाले अभ्यर्थी के प्रकरण पर कहा कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।